बिहार के अधिकतर हिस्सों में जुलाई महीने में बारिश सामान्य से कम होने की आशंका है. शुक्रवार को आइएमडी ने इस आशय का पूर्वानुमान जारी किया है. साथ ही आइएमडी ने कहा है कि दक्षिण और पूर्वी बिहार में पारा सामान्य से अधिक और शेष बिहार में पारा सामान्य बने रहने की संभावना है. वहीं, न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की आशंका बन रही है. शुक्रवार को आइएमडी की तरफ से जारी पूर्वानुमान में कहा गया है कि तमिलनाडु के दक्षिण तट पर बसे कन्या कुमारी के पास हिंद महासागर के दो हिस्सों मसलन बंगाल की खाड़ी और अरब सागर मिलते हैं. यहां इन दिनों दो -अलग अलग समुद्री ध्रुव से बन गये हैं.
इस असंतुलन की वजह से मॉनसून सिस्टम में कुछ कमजोरी देखी जा रही है. वहीं ”ला नीना” के असर से समुद्र का तापमान भी कुछ कम हुआ है. जिसकी वजह से मॉनसून सिस्टम कमजोर हो रहा है. ”ला नीला” का असर पूरे मॉनसून सीजन में बने रहने की बात मौसम विज्ञानी चिंताजनक मान रहे हैं. ”ला नीला” हिंद महासागरीय तापमान का सर्वाधिक असर बिहार, झारखंड, बंगाल, उड़ीसा और पूर्वोत्तर पर है. इसके अलावा पश्चिमी और उत्तरी भारत के कुछ इलाकों में प्रभाव ज्यादा बताया जा रहा है. शुक्रवार को जुलाई के पहले दिन पूरे बिहार में औसतन चार मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी है. बिहार में अभी तक 175 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है, जो कि सामान्य से एक फीसदी अधिक है.
बिहार में अगले चार दिनों के बीच हल्की बारिश की संभावना है. तापमान सामान बना रहेगा. उमस भरी गर्मी जारी रहने की संभावना है. बिहार कृषि विश्वविद्यालय के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा केंद्र द्वारा दो से छह जुलाई के लिए जारी मौसम पूर्वानुमान में इस दौरान 43 मिलीमीटर वर्षा होने की संभावना व्यक्त की गयी है. अधिकतम तापमान 36 डिग्री व न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है. मौसम विभाग के नोडल पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार के अनुसार 2 जुलाई को हल्की बारिश व 3 जुलाई को मध्यम बारिश की संभावना है.
इस दौरान आंशिक बादल छाये रहेंगे. पूर्वी हवा 10 से 12 किलोमीटर प्रति घंटा चलने की संभावना है. किसानों को सलाह दी गयी है कि धान के बिचड़े तैयार करें. शुक्रवार को आसपास का अधिकतम तापमान 35.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि न्यूनतम तापमान 25.7 डिग्री सेल्सियस रहा. हवा में नमी की मात्रा 83 प्रतिशत रहा एवं दक्षिणी हवा 9.8 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से रहा.