अहमदाबाद देश के शीर्ष आठ शहरों में सबसे किफायती आवास बाजार है. संपत्ति सलाहकार नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट में यह बात कही गई. रिपोर्ट के मुताबिक 2022 की पहली छमाही के दौरान देश में आय के मुकाबले ईएमआई अनुपात के लिहाज से घर खरीदने की क्षमता में कमी हुई. नाइट फ्रैंक इंडिया ने शुक्रवार को 2022 की पहली छमाही (जनवरी-जून) के लिए अपनी वहनीयता सूचकांक रिपोर्ट जारी की. यह सूचकांक वास्तव में व्यक्तियों की मकान या अन्य चीजें खरीदने की क्षमता को बताता है.
यह रिपोर्ट एक औसत परिवार के लिए आय के मुकाबले ईएमआई (समान मासिक किस्त) अनुपात पर नजर रखती है. रिपोर्ट के मुताबिक आरबीआई के रेपो दर में 0.90 प्रतिशत की बढ़ोतरी से घर खरीदने की क्षमता प्रभावित हुई है, क्योंकि इसके चलते बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों ने आवास ऋण महंगा कर दिया. संपत्ति सलाहकार ने एक बयान में कहा कि अहमदाबाद शीर्ष आठ शहरों में सबसे किफायती आवास बाजार है, जिसमें आय-ईएमआई अनुपात 22 प्रतिशत है. इसके बाद 26 प्रतिशत के साथ पुणे और चेन्नई का स्थान है.
नाइट फ्रैंक के वहनीयता सूचकांक में 2010 से 2021 तक आठ प्रमुख शहरों में लगातार सुधार देखा गया. खासतौर से महामारी के दौरान जब आरबीआई ने रेपो दर में कटौती की, तो ऐसा हुआ. हालांकि, दो बार में रेपो दर में 0.90 प्रतिशत की बढ़ोतरी के चलते इन शहरों में घर खरीदने की क्षमता में औसतन दो प्रतिशत की कमी हुई. नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में घर खरीदना कठिन हुआ है.
उन्होंने कहा, ‘‘प्रमुख बाजारों में वहनीयता औसतन 2-3 प्रतिशत घटी है. हालांकि, दरों में बढ़ोतरी के बावजूद, बाजार काफी हद तक किफायती हैं.” आंकड़ों के अनुसार 2022 की पहली छमाही में मुंबई देश का सबसे महंगा आवासीय बाजार था, और इसका वहनीयता सूचकांक 53 प्रतिशत से बढ़कर 56 प्रतिशत हो गया. हैदराबाद देश का दूसरा सबसे महंगा आवासीय बाजार है, जबकि दिल्ली-एनसीआर तीसरे स्थान पर है.