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बागमती नदी खतरे के निशान से 130 सेंटीमीटर ऊपर, जलस्तर बढ़ने से औराई में एक दर्जनों गांव बाढ़ से घिरे

Flood in Bihar: गंडक नदी में 4.97 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है. इस कारण माधोपुर हजारी, वासुदेवपुर सराय,रुपछपड़ा, बंगरा निजात, पहाड़पुर मनोरथ, हुस्सेपुर व हुस्सेपुररती में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना प्रबल हो गयी है.

औराई. बागमती नदी के जलस्तर में बुधवार की देर रात से वृद्धि जारी है. गुरुवार को कटौझा में बागमती का जलस्तर खतरे के निशान से 130 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, लेकिन फिलहाल जलस्तर स्थिर है. बागमती परियोजना उत्तरी और दक्षिणी बांध के बीच स्थित एक दर्जन गांव का बाढ़ के पानी से चारों तरफ से घिरना शुरू हो गया है. बागमती नदी का जलस्तर जहां तहां अपने तट से उपर होकर बह रहा है. जलस्तर मे वृद्धि होने से मधुबन प्रताप, बभनगामवां पश्चिमी, पटोरी टोला, बारा बुजुर्ग, बारा खुर्द, चैनपुर, राघोपुर, तरबन्ना, चहुंटा दक्षिण टोला, हरनी टोला ,भरथुआ दक्षिणी टोला समेत एक दर्जन गांव बाढ़ के पानी से घिरना शुरू हो गया है. सबसे ज्यादा समस्या मवेशियों के चारे व ठहराव की बनी हुई है. गुरुवार की शाम दर्जनों विस्थापित परिवार अपने सामान के साथ सुरक्षित स्थान पर जाते दिखे.

शरण लेने सुरक्षित स्थान पर जाते प्रभावित लोग

बभनगामवां पश्चिमी गांव जाने के लिये नाव की सरकारी व्यवस्था नहीं रहने के कारण लोगों को दस रुपया देकर आना जाना करना पड़ रहा है. नाव गुरुवार को नाव के इंतजार में खड़ी छात्रा उम्मत खातून, हसीना खातून ने बताया की पैसा देकर विद्यालय आना जाना पड़ता है. विस्थापित नेता आफताब आलम ने बताया कि गत वर्ष के नाव के परवाने का भुगतान अंचलाधिकारी के द्वारा नहीं होने के कारण नाविक नाव चलाने से इंकार कर रहे हैं. अंचलाधिकारी रामानंद सागर ने बताया कि सरकारी स्तर पर 19 नाव है, वहीं निजी स्तर पर भी 19 नाव का चयन किया गया है. समय आने पर चलाया जायेगा. उधर, लखनदेई नदी के जलस्तर में भी वृद्धि हो रही है. लखनदेई नदी के दर्जन भर खुले तटबंध के कारण औराई के उत्तरी भाग के 16 पंचायत के लोग बाढ़ से आशंकित हैं.

नेपाल से पानी छोड़ने पर बाढ़ की आशंका

साहेबगंज. गंडक नदी में 4.97 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है. इस कारण माधोपुर हजारी, वासुदेवपुर सराय,रुपछपड़ा, बंगरा निजात, पहाड़पुर मनोरथ, हुस्सेपुर व हुस्सेपुररती में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना प्रबल हो गयी है. बता दें कि जल संसाधन विभाग के अनुसार बीते बुधवार को 2.67 क्यूसेक व गुरुवार को 2.30 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. सीओ संतोष कुमार सुमन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा है. उन्होंने बताया कि बाढ़ से बचाव को लेकर सभी प्रशासनिक तैयारियां पूरी कर ली गयी है.

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गोसाइपुर व रजवाड़ा में फ्लड फायटिंग

बाढ़ की आशंका को देखते हुए गायघाट के गोसाइपुर में बागमती बांध और मुशहरी के रजवाड़ा में बूढ़ी गंडक बांध पर गोसाइपुर व रजवाड़ा में फ्लड फायटिंग काम चल रहा है. यहां बांध क्षतिग्रस्त है, जल संसाधन विभाग की टीम बांध को दुरुस्त करने में जुटी हुई है. इधर, सिकंदरपुर से दादर पुलिस लाइन तक बूढ़ी गंडक बांध की स्थिति ठीक नहीं है. कई स्थानों पर रेनकट है. पानी का दबाव बढ़ने पर खतरा हो सकता है. कमोबेश यही हाल अखाड़ाघाट से खंडवा जाने वाली बांध रोड का है. इसमें भी दर्जनों स्थानों पर रेनकट है.

खाद्यान्न के लिए मिले 30 लाख

बाढ़ के दौरान प्रभावित परिवार के बीच राशन वितरण के लिए सभी अंचलों को दो-दो लाख रुपये दिये गये हैं. डीएम प्रणव कुमार ने सभी अंचल अधिकारी को राशि काे हर हाल में बाढ़ मद में खर्च करने का निर्देश दिया है. किसी भी स्थिति में राशि को डायवर्ट नहीं करना है. राशि के दुरुपयोग पर निकासी व्ययन पदाधिकारी पर जिम्मेदारी तय होगी.

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