पटना. बिहार विधानमंडल का मॉनसून सत्र गुरुवार को अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित हो गया. पांच दिनों के इस सत्र के दौरान दोनों सदनों में विपक्षी सदस्य सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए. विधानसभा में सत्र के आखिरी दिन उपाध्यक्ष की अपील का भी असर विपक्षी सदस्यों पर नहीं पड़ा. सेना बहाली में अग्निपथ योजना के खिलाफ विपक्ष पहले दिन से विरोध का तेवर अपनाये रहा जो अंतिम दिन तक जारी रहा. विधान परिषद में गुरुवार को भोजनावकाश के पहले ही सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दी गयी. इस दौरान करीब 20 मिनट ही कामकाज हो पाया और कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी.
विधानसभा में आसन पर बैठे उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि 15 महीने में उनको पहली बार प्रश्नकाल चलाने के मौका मिला है. प्रश्नकाल चलने दीजिए. आज सदन का अंतिम दिन है. कम से कम प्रश्नोत्तर काल तो चलने दीजिए. उनकी अपील पर भी विपक्ष के सदस्य नहीं पिघले और वेल में हंगामा करते रहे. इसके बाद उन्होंने सदस्यों से अपील की कि वह अपने स्थान पर जाये. आसन आपकी बात भी सुनेगा. मानमनौवल के बाद भी जब सदस्य हंगामा और वेल में जमे रहे तो विधानसभा उपाध्यक्ष ने आठ मिनट बाद ही सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी. दोपहर बाद सदन का कामकाज हुआ लेकिन, विपक्ष के सदस्य गैर हाजिर रहे.
विधानसभा
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827 प्रश्न लिये गये, जिनमें 713 स्वीकृत हुए
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46 अल्पसूचित सवाल थे, जिनमें 45 के उत्तर मिले
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572 तारांकित सवालों में 553 के उत्तर सदन को मिले
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81 मामले ध्यानाकर्षण के आये, जिनमें आठ मंजूर
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430 प्रश्नों की सूचनाएं प्राप्त हुई
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394 प्रश्न स्वीकृत
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70 सूचनाएं थीं ध्यानाकर्षण में, 34 स्वीकृत हुईं
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42 सूचनाएं मिली शून्यकाल में, जिसमें 37 स्वीकृत हुईं
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60 सूचनाएं निवेदक की प्राप्त हुई