इसरो के अंतरिक्ष यान पीएसएलवी सी-53 (PSLV-C53/DS-EO) ने गुरुवार को यहां प्रक्षेपण स्थल से सिंगापुर के तीन वाणिज्यिक उपग्रहों को लेकर उड़ान भरी. यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की व्यावसायिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) का दूसरा विशेष वाणिज्यिक मिशन है. प्रक्षेपण यान ने यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (Satish Dhawan Space Center) में दूसरे लांच पैड से शाम 6:02 बजे उड़ान भरी. उसने डीएस-ईओ उपग्रह और दो अन्य उपग्रहों को लेकर उड़ान भरी.
#WATCH | Andhra Pradesh: PSLV-C53/DS-EO and 2 other co-passenger satellites launched from the 2nd Launch Pad, SDSC-SHAR, Sriharikota. It accompanies PSLV Orbital Experimental Module (POEM) orbiting the earth as a stabilized platform.
(Source: ISRO) pic.twitter.com/zfK8SZJcvr
— ANI (@ANI) June 30, 2022
इसरो ने पहले कहा था कि यह उसकी वाणिज्यिक शाखा, न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) का दूसरा समर्पित वाणिज्यिक मिशन होगा, और भारत के अंतरिक्ष कार्यकर्ता – पीएसएलवी को शामिल करने वाला 55वां मिशन होगा. समाचार एजेंसी पीटीआई ने कहा कि तीन उपग्रह हैं – डीएस-ईओ और न्यूसार (दोनों सिंगापुर से संबंधित हैं और कोरिया गणराज्य के स्टारेक इनिशिएटिव द्वारा निर्मित) और सिंगापुर के नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीयू) के 2.8 किलोग्राम स्कूब -1 हैं.
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इसरो के अनुसार यह पहली बार होगा जब पीएस 4 स्टेज एक स्थिरीकृत प्लैटफॉर्म के रूप में पृथ्वी की परिक्रमा करेगा. इसरो ने कहा कि पीओईएम खर्च किए गए पीएस4 चरण का उपयोग एक कक्षीय मंच के रूप में करता है, यह पहली बार है जब यह एक स्थिर मंच के रूप में पृथ्वी की परिक्रमा करेगा. इसरो ने इससे पहले फरवरी में पृथ्वी अवलोकन उपग्रह EOS-04 और दो छोटे उपग्रहों के साथ PSLV-C52 लॉन्च किया था.
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मध्यरेखा से इसकी ऊंचाई 570 किमी होगी तथा इसकी निम्न नति 100+ 0.20 होगी. पीएसएलवी-सी53 तीन उपग्रहों का वहन करेगा. 365 किग्रा का डीएस-ईओ उपग्रह तथा 155 किग्रा का निउसार दोनों सिंगापुर के हैं, जिसे स्टारेक इनिषियेटिव, कोरिया गणराज्य ने बनाया है तीसरा उपग्रह स्कूब-1 2.8 कि.ग्रा. का है जिसे नानयान्ग टेक्नोलोजिकल युनिवर्सिटी सिंगापुर ने तैयार किया है.
(इनपुट- भाषा के साथ)