अजीत, भागलपुर. बिहार में सीमांचल के रास्ते प्रवेश कर सबको चौंकानेवाले एआइएमआइएम नेता ओवैसी को सीमांचल ने ही बाहर का रास्ता दिखा दिया है. यह झटका उनके ही विधायकों ने दिया है. पहली बार सीमांचल की पांच सीटों पर ओवैसी की पार्टी ने कब्जा जमाया था. बुधवार को पांच में चार विधायकों ने राजद का दामन थाम लिया.
जब विधानसभा का चुनाव हुआ तो लोगों को लग रहा था कि अपने आक्रामक तेवर व बयान के कारण चर्चा में रहनेवाले ओवैसी को इंट्री नहीं मिलेगी पर रिजल्ट ने सबको चौंका दिया. सीमांचल के रास्ते असदुद्दीन ओवैसी की एआइएमआइएम ने पिछले विधानसभा चुनाव में जबर्दस्त उपस्थिति दर्ज करायी थी.
किशनगंज के कोचाधामन, बहादुरगंज, पूर्णिया के बायसी व अररिया के जोकीहाट विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की थी. लगभग आधा दर्जन सीटों पर भी उनके प्रत्याशियों ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करायी थी. चुनाव के बाद भी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान सरकार के खिलाफ मुखर रहे.
मृगेंद्र मणि, अररिया. जोकीहाट के एआइएमआइएम के विधायक शाहनवाज आलम ने एआइएमआइएम के तीन विधायकों के साथ राजद का दामन थाम लिया. उनके राजद में शामिल होते हीं बिहार ही नहीं बल्कि जिले की राजनीति में भी गर्माहट आ गयी है. उप चुनाव में राजद के टिकट पर विधायक बनने के बाद अचानक हीं 2020 में राजद ने शाहनवाज आलम के बड़े भाई सरफराज आलम को टिकट देकर अचानक से भूचाल ला दिया था.
एआइएमआइएम उस वक्त शाहनवाज आलम के खेवनहार बना व अपनी पार्टी का टिकट दिया. एआइएमआइएम के टिकट पर शाहनवाज आलम ने पुन: जीत दर्ज कर अपने ही बड़े भाई पूर्व सांसद सरफराज आलम को शिकस्त दी. हालांकि इसके बाद दोनों के बीच तल्खियां इस कदर बढ़ गयी कि एक विवाद को लेकर विधायक ने बड़े भाई पूर्व सांसद सरफराज आलम के विरुद्ध प्राथमिकी तक दर्ज करा दिया.
इस संबंध में शाहनवाज आलम ने स्पष्ट कहा कि केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार ने देश में जो हालात पैदा किये हैं, उसके बाद त्राहिमाम की स्थिति बनी हुई है. पश्चिम बंगाल में अगर सेकुलर पार्टी एकजुट नहीं होती तो फिर वापसी असंभव थी. हमने अल्पसंख्यक व सेकुलर पार्टी को मजबूत बनाने के लिए महागठबंधन ज्वाइन किया है. हम सभी मिलकर सीमांचल की बदहाली को दूर करेंगे.
जोकीहाट विधायक शाहनवाज आलम सर्वप्रथम जोकीहाट विधानसभा के उपचुनाव 2018 में राजद से विधायक बने थे. लेकिन 2020 में शाहनवाज आलम ने राजद छोड़कर एआइएमआइएम का दामन थाम लिया. राजनीतिक सूझबूझ दिखाते हुए उन्होंने राजद के गढ़ जोकीहाट में अपने ही बड़े भाई व कद्दावर नेता सह पूर्व मंत्री सरफराज आलम को कड़ी शिकस्त देकर विधानसभा पहुंचे. शाहनवाज लॉ ग्रेजुएट हैं. उन्होंने पुणे विश्वविद्यालय से लॉ की डिग्री हासिल की है.