अफ्गानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबूल (Kabul) में आयोजित लोया जिरगा (Loya Jirga) की धार्मिक सभा पर गोलीबारी की गई. स्थानीय मीडिया के अनुसार काबुल में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब हॉल के पास कई विस्फोट और गोलियां चलने की सूचना मिली, जहां लोया जिरगा के कार्यक्रम में धार्मिक विद्वानों और बुजुर्गों की भव्य सभा चल रही थी. गोलीबारी का सही कारण और स्थान अभी स्पष्ट नहीं है. फ्रीडम फाइटर्स फ्रंट ने अपने बयान में कहा कि उसके विशेष बलों ने तालिबान की सभा पर हमला किया था. लेकिन तालिबान शासन ने इस घटना पर अबतक कुछ नहीं कहा है.
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आमाज न्यूज इंग्लिश ने बताया कि फ्रीडम फाइटर्स फ्रंट के हमले के बाद तालिबान के हेलीकॉप्टरों ने लोया जिरगा के आयोजन स्थल पर गश्त शुरू कर दी है. तालिबान शासन ने राजधानी भर में उच्च सुरक्षा तैनात की है, जिरगा स्थल की ओर जाने वाली सड़कों को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है. इलाके में किसी भी घटना को रोकने के लिए कड़े सुरक्षा के इंतेजाम किए गए हैं.
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तीन दिवसीय लोया जिरगा के सम्मेलन में लड़कियों की शिक्षा पर चर्चा हो रही थी. इस कार्याक्रम में भाग लेने के लिए पूरे अफगानिस्तान से 3,500 से अधिक धार्मिक विद्वानों और बुजुर्गों को आमंत्रित किया गया था. हालांकि, इस सम्मेलन में महिलाओं को शामलि होने की अनुमति नहीं दी गई थी.
पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों का प्रतिनिधित्व करने वाली लगभग 70 हस्तियों और ईरान में रहने वाले शरणार्थियों के लगभग 30 अन्य लोगों ने जिरगा में भाग लिया है. तालिबानी ‘जिरगा’ अफगानिस्तान में आए बड़े भूकंप के कुछ दिनों बाद आयोजित किया जा रहा है, जिसमें 1,000 से अधिक लोग मारे गए और दस हजार नागरिक बेघर हो गए.