14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Aligarh News: यूरिया के कॉमर्शियल यूज पर 2 ट्रेडर्स मालिकों पर एफआईआर, जानें क्‍या है पूरा मामला?

अलीगढ़ के पिसावा में मैसर्स राधा रानी ट्रेडर्स फैक्ट्री काला नमक बनाती है, के गोदाम में कृभको यूरिया को सादे बोरों में भरा जाने और उसका प्रयोग औद्योगिक इकाइयों में होने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इसमें एक मीडिया पर्सन के द्वारा यूरिया के औद्योगिक प्रयोग का मामला वीडियो से दिखाया गया था.

Aligarh News: अलीगढ़ के पिसावा में नमक की फैक्ट्री की आड़ में यूरिया के औद्योगिक प्रयोग करने पर जिला कृषि अधिकारी ने छापा मारकर 2 ट्रेडर्स मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए. काला नमक की फैक्ट्री में यूरिया के कमर्शियल यूज को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर चला, जिसके बाद कृषि विभाग ने मामले का संज्ञान लिया और कार्यवाही की. अलीगढ़ के पिसावा में मैसर्स राधा रानी ट्रेडर्स फैक्ट्री काला नमक बनाती है, के गोदाम में कृभको यूरिया को सादे बोरों में भरा जाने और उसका प्रयोग औद्योगिक इकाइयों में होने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इसमें एक मीडिया पर्सन के द्वारा यूरिया के औद्योगिक प्रयोग का मामला वीडियो के माध्यम से दिखाया गया था.

वायरल वीडियो के बाद फैक्ट्री पर छापा

सोशल मीडिया पर वायरल हुऐ मैसेज एवं वीडियो के आधार पर गभाना तहसीलदार ऊषा सिंह, जिला कृषि अधिकारी, उप निरीक्षक सुनील वर्मा, आरक्षी भगवान शंकर, उर्वरक पटल सहायक रतन सिंह चौहान की टीम ने श्री राधारानी ट्रेडर्स, ग्राम सबलपुर, पिसावा पर छापा मारा. श्री राधारानी ट्रेडर्स, पिसावा के मालिक नितिन गुप्ता पुत्र निरंजनलाल गुप्ता इस दौरान मौजूद थे. सोशल मीडिया में वायरल हुये वीडियों में दिखाई दे रहे हरे रंग के कृभको यूरिया के भरे एवं खाली बैग मौके पर नहीं पाये गये. मौके से 24 आधा भरी नमक की बोरियॉं, 1500 नये बिना सिले खाली बोरे, फर्श पर यूरिया के गोल दाने, एक छोटी बोरी में लगभग 800 ग्राम यूरिया मिला. जिसमें से परीक्षण हेतु नमूना भी लिया गया. फेक्ट्री परिसर में 450 बोरी काला नमक, लगभग 60 टन सफेद नमक, 60-70 टन लकडी ईधन जलाने हेतु तथा एक इलैक्ट्रिक तराजू मिला.

फैक्ट्री पर नहीं मिले जरूरी कागजात

फैक्ट्री से संबन्धित प्रपत्र मॉगने पर फर्म मालिक द्वारा जी0एस0टी0 एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा जारी लाइसेंस दिखाया गया. उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंण बोर्ड द्वारा जारी फैक्ट्री स्थापना संबन्धित सहमति पत्र तथा फायर विभाग का अनापत्ति प्रमाण-पत्र नहीं दिखाया. अनुदानित कृभको यूरिया को सादे बोरों में भरकर सम्भवतः औद्योगिक में प्रयोग किया जा रहा था. इस फर्म के नाम से कोई भी उर्वरक प्राधिकार पत्र नहीं है. उपरोक्त कृत्य उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985, आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के विभिन्न प्राविधानों का उल्लंघन है. मामले में राधा रानी ट्रेडर्स पिसावा, अलीगढ़ के मालिक नितिन गुप्ता पुत्र निरंजन लाल गुप्ता निवासी पिसावा, अलीगढ़ एवं गोयल ट्रेडर्स, पिसावा, अलीगढ़ के मालिक पवन गोयल पुत्र हरीश चन्द्र गोयल निवासी पिसावा, अलीगढ़ के विरूद्व उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 में निहित प्राविधानुसार, आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3/7 एवं समय-समय पर जारी विभिन्न शासनादेशों की सुसंगत धारा के अन्तर्गत प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्यवाही की जा रही है.

वायरल वीडियो में दिखाया था ये

वायरल वीडियो में अनुदानित कृभको यूरिया के हरे रंग के बोरों को नये सादे सफेद बोरों में डालकर सिलाई मशीन द्वारा सिला जा रहा था. वीडियो से स्पष्ट हो रहा था कि मौके पर लगभग 300 बोरा यूरिया थी. मजदूर बता रहा था कि 45 किग्रा के बोरों को 50 किग्रा के बोरों में पलटा जा रहा है. गैर अनुदानित टेक्नीकल ग्रेड यूरिया का प्रयोग विभिन्न प्रकार की औद्योगिक इकाईयों में होता है.

रिपोर्ट : चमन शर्मा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें