महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट बढ़ गया है बागी नेता एकनाथ शिंदे कई विधायकों को अपने तरफ करके पाला बदलने के फिराक में हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आधिकारिक आवास खाली कर दिया और मातोश्री चले गये .शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे आज गुवाहाटी में सभी समर्थक विधायकों के साथ मिलकर आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे.
दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है. एकनाथ शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए नोटिस भी जारी किया जा सकता है. एकनाथ शिंदे बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी में शरण लिये हुए हैं. एक नाथ शिंद के साथ ना सिर्फ शिवसेना के नेता बल्कि निर्दलीय विधायकों को भी समर्थन है, निर्दलीय विधायक किशोर जोर्गेवार और गीता जैन गुवाहाटी के रैडिसन ब्लू होटल पहुंची हैं.
वीडियो में बागी विधायक अपनी नाराजगी का कारण बता रहे हैं मुख्य रूप से वह शिवसेना का गठबंधन कांग्रेस और राकपा के साथ नहीं चाहते. शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा है कि हमने डिप्टी स्पीकर (महाराष्ट्र विधानसभा) के समक्ष याचिका दायर की है और मांग की है कि 12 विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी जानी चाहिए. क्योंकि वे बैठक में शामिल नहीं हुए थे. जैसे ही यह खबर एकनाथ शिंदे तक पहुंची तो उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से इस सवाल का जवाब दिया लिखा, “आप अयोग्यता के लिए 12 विधायकों के नाम बताकर हमें डरा नहीं सकते क्योंकि हम शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के अनुयायी हैं। हम कानून जानते हैं, इसलिए हम धमकियों पर ध्यान नहीं देते हैं.
दूसरी तरफ इस राजनीतिक उठापटक के बीच राजनीतिक रार बढ़ती जा रही है, ठाणे महानगर पालिका के 30 से ज्यादा शिवसेना पार्षद एकनाथ शिंदे गुट के साथ जुड़ेंगे। ठाणे एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है। पिछले 30 साल से भी लंबे समय से ठाणे महनगरपालिका पर शिवसेना का भगवा लहरा रहा है। पिछले 2 दिनों से शिवसेना नेताओं द्वारा इन पार्षदों और पदाधिकारियों से सम्पर्क करने का प्रयास शिवसेना नेताओं ने किया, लेकिन ज़्यादातर पार्षदों ने अपने फ़ोन बंद रखे.
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री और राज्यपाल दोनों ही कोरोना संक्रमित हैं. राज्यपाल को दक्षिण मुंबई के रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया है.बहुमत सदन के अंदर ही सिद्ध हो सकता है तो सदन की बैठक बुलानी होगी. सदन में ही ये तय होगा कि बहुमत है कि नहीं. क्या कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह संभव है?
शिव सेना के 40 से ज़्यादा विधायक उनके साथ हैं. शिंदे अगर 37 से ज़्यादा पार्टी विधायकों का समर्थन जुटा लेते हैं तो ये बागी विधायक दल विरोधी क़ानून के तहत अयोग्य घोषित नहीं होंगे. शिव सेना के 55, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के 53 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं. बीजेपी के पास कुल 106 विधायक हैं, सरकार बनाने के लिए 144 विधायकों का समर्थन ज़रूरी. महाराष्ट्र में इस वक्त इन आंकड़ों का खेल चल रहा है साथ ही उन नियम और कानून के धाराओं की भी तलाश की जा रही है जिससे सरकार बचायी जा सके या गिरायी जा सके.