इंदौर: कमाई के पैमाने पर दक्षिण भारतीय सिनेमा बनाम हिंदी सिनेमा को लेकर जारी बहस के बीच अभिनेता रणबीर कपूर का मानना है कि उम्दा कहानी पर बनी कोई भी फिल्म भाषा और क्षेत्र की सीमा के पार जाकर टिकट खिड़की पर शानदार प्रदर्शन कर सकती है. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की सभी भाषाओं की फिल्मों को “भारतीय फिल्मों” के रूप में संबोधित किया जाना चाहिए.
इंदौर में शुक्रवार रात संवाददाताओं से मुखातिब हुए रणबीर ने कहा, “हमारी संस्कृति, संस्कारों और परंपराओं से जुड़ी उम्दा कहानियों पर आधारित फिल्में भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर में सफल हो सकती हैं. आप किसी उम्दा कहानी पर फिल्म बनाएं तो यह भाषा और क्षेत्र की सीमा के पार जाकर सफलता के झंडे गाड़ सकती है.”
39 वर्षीय अभिनेता से पूछा गया था कि क्या मौजूदा दौर में हिंदी फिल्में सिनेमाघरों में तभी बंपर कमाई कर सकती हैं, जब उनमें दक्षिण भारतीय फिल्मों की तर्ज पर एक्शन से भरपूर दृश्यों को भव्यता से पर्दे पर पेश किया जाए. जवाब में रणबीर ने कहा, “दक्षिण भारतीय भाषाओं में बनी फिल्में हमेशा से अच्छा प्रदर्शन करती आई हैं. हमारी हिंदी फिल्में भी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं. हमें इन सभी भाषाओं की फिल्मों को भारतीय फिल्मों के रूप में संबोधित करना चाहिए, क्योंकि हम पूरे देश के लिए फिल्में बना रहे हैं.”
उन्होंने आगे कहा, “आप कोई भी फिल्म बनाएं, आपको उसमें उम्दा कहानी, प्रभावी किरदारों, भू-भाग के शानदार फिल्मांकन और रचनात्मकता के जरिये वह सब पेश करना ही होगा, जिसकी वजह से दर्शक सिनेमाघरों तक खिंचे चले आते हैं.” रणबीर अपनी आगामी फिल्म ‘‘शमशेरा” के प्रचार के सिलसिले में साथी कलाकारों-संजय दत्त और वाणी कपूर के अलावा निर्देशक करण मल्होत्रा के साथ इंदौर आए थे.
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बता दें कि, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर आधारित शमशेरा हिंदी के साथ ही तमिल और तेलूगू भाषा में 22 जुलाई को सिनेमाघरों में दस्तक देगी. गौरतलब है कि ‘‘शमशेरा” एक्शन हीरो के तौर पर रणबीर की पहली फिल्म है. उन्होंने कहा, “मैंने अपनी अधिकांश फिल्मों में रूमानी किरदार निभाए हैं. फिलहाल मैंने ऐसे किरदारों से थोड़ा विराम लिया है, क्योंकि एक वक्त के बाद आप अपने करियर में उस मोड़ पर पहुंच जाते हैं, जहां आपको कुछ अलग करना होता है.”