पटना. कोरोना काल के दौरान गरीबों के बीच बांटे जाने वाले करीब छह लाख रुपये के सरकारी खाद्यान्न डोर स्टेप डिलिवरी परिवहन अभिकर्ता (डीएसडी) खा गये. उनकी भूमिका सामने आने के बाद राज्य खाद्य निगम के पटना जिला प्रबंधक शैलेंद्र कुमार ने अभिकर्ताओं के खिलाफ दीघा व बहादुरपुर थाने में आइपीसी की धारा 406, 409, 420, 467, 468, 471 व 34 के तहत केस दर्ज कराया है.
दीघा थाने में अभिकर्ता रेखा कुमारी (धौरानी टोला, मोकामा) और बहादुरपुर थाने में मां शीतला होल्डिंग के प्रोपराइटर संजय कुमार (बेगमपुर, मालसलामी) को आरोपित बनाया गया है. जिला प्रबंधक ने बताया कि इन अभिकर्ताओं ने रद्द व निलंबित पीडीएस दुकानदारों को खाद्यान्न देने का बिल जमा कर दिया था. डोर स्टेप डिलिवरी अभिकर्ता को ही पीडीएस दुकानदारों तक खाद्यान्नों को पहुंचाने की जिम्मेदारी होती है.
वर्ष 2021 में कोरोना काल के दौरान अगस्त, सितंबर आदि माह में सरकारी अनुदानित खाद्यान्न (चावल व गेंहू) पीडीएस दुकानदारों को दिये जा रहे थे, ताकि उसे गरीबों के बीच बांटा जा सके. कुछ अभिकर्ताओं ने दीघा व बाजार समिति परिसर स्थित गोदामों से चावल और गेंहू लिया और संभवत: उसे बाजार में अधिक कीमत पर बेच दिया. इसके बदले उन्होंने फर्जी बिल बना कर कर गोदाम में जमा कर दिया. जब कई पीडीएस दुकानदारों को जब खाद्यान्न नहीं मिला, तो उन्होंने शिकायत की. डीएम ने तुरंत ही राज्य खाद्य निगम के जिला प्रबंधक शैलेंद्र कुमार को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया.
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