रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची के अनगड़ा में पत्थर खनन लीज आवंटित किये जाने के मामले में झारखंड हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (विशेष अनुमति) याचिका दायर की है. अपील याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ हाइकोर्ट में दायर की गयी याचिका राजनीति से प्रेरित है. याचिकाकर्ता सोरेन परिवार का राजनीतिक विरोधी रहा है.
इनकी ओर से हाइकोर्ट में नियमानुसार याचिका दाखिल नहीं की गयी है, ऐसे में यह सुनवाई योग्य नहीं है. लेकिन हाइकोर्ट तीन जून को उक्त याचिका को सुनवाई योग्य मानते हुए सुनवाई कर रही है. इस मामले में हाइकोर्ट का आदेश सही नहीं है, इसलिए इसे निरस्त किया जाये.
शिव शंकर शर्मा ने हाइकोर्ट में मुख्यमंत्री के खिलाफ याचिका दायर की है. इसमें कहा गया है कि हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री होने के साथ खनन विभाग के मंत्री थे. इस दौरान उन्होंने स्वयं के नाम से अनगड़ा पत्थर खनन के लिए लीज आवंटित कराया था. ऐसा करना ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के दायरे में आता है, इसलिए उनकी सदस्यता रद की जाये.
मुख्यमंत्री के करीबियों द्वारा शेल कंपनियों में निवेश से संबंधित मामले में भी राज्य सरकार की ओर से हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील याचिका दायर की गयी है. इसमें भी हाइकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गयी है, जिसके तहत याचिका को सुनवाई योग्य बताया गया है. 17 जून को सरकार की ओर से दायर अपील याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई.
Posted By: Sameer Oraon