मुजफ्फरपुर. कटरा प्रखंड क्षेत्र में बागमती नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे लोगों को बाढ़ आने की चिंता सताने लगी है. प्रखंड के उत्तरी हिस्से की 14 पंचायतों को प्रखंड मुख्यालय से जोड़ने वाले पीपा पुल के दोनों ओर बाढ़ का पानी चढ़ गया है. इस कारण क्षेत्र के लोग जान जोखिम में डाल कर यात्रा करने को विवश हैं. जलस्तर में वृद्धि होने से बकुची पतारी नवादा, अनदामा, बर्री, बसंत, तेहबारा सहित अन्य गांव के निचले हिस्से में बाढ़ का पानी फैल गया है.
बकुची निवासी धर्मेन्द्र कमती ने कहा कि हमलोगों को प्रखंड मुख्यालय तक जाने के लिए जान जोखिम में डाल कर आना पड़ता है. बकुची निवासी हंसराज भगत सहित अन्य लोगों ने कहा कि जलस्तर में वृद्धि जारी रही तो सैकड़ों एकड़ में लगी सब्जी की फसल बर्बाद हो जाएगी. हमलोगों का एकमात्र जीविकोपार्जन का साधन सब्जी की खेती है, जिससे हमलोग अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. जलस्तर में वृद्धि होने से हमलोगों को लाखों रुपये का नुकसान होगा.
औराई. रविवार को हुई भारी बारिश के कारण बागमती नदी मे दोपहर से जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हो गई है, जल स्तर में वृद्धि होने से बागमती परियोजना उत्तरी और दक्षिणी बांध के बीच अवस्थित एक दर्जन गांव के लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं औराई के दक्षिणी क्षेत्र के लोगों को सीतामढ़ी जिले के रून्नीसैदपुर होकर प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ रहा है, साथ ही औराई पूर्वी और उत्तरी क्षेत्र के लोग सीतामढ़ी की सीमा पार कर जिला मुख्यालय जाने पर विवश हैं.
जलस्तर मे वृद्धि होने से मधुबन प्रताप, पटोरी टोला, बारा बुजुर्ग, बारा खुर्द, चैनपुर, राघोपुर ,तरबन्ना, बभनगामा पश्चिमी ,हरनी टोला, भरथुआ दक्षिण टोला समेत एक दर्जन गांव के लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वैसे बागमती नदी का जलस्तर अभी अपने तट के समानांतर ही चल रहा है, लेकिन जलस्तर में वृद्धि जारी रहने से विस्थापितों में दहशत व्याप्त है. चहुंटा कश्मीरी टोला के किसान वार्ड सदस्य अर्जुन मंडल ने बताया कि सबसे ज्यादा मुसीबत मवेशियों के चारा की है. पर्याप्त चारा न मिलने के कारण मवेशियों के दूध सूख रहे हैं. दूसरी ओर रविवार की दोपहर वर्षा होने से उमस भरी गर्मी से लोगों को निजात मिली है.
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औराई में बागमती तटबंध से विस्थापित परिवारों को अब शिव शिष्य परिवार जन सहयोग से हर संभव मदद करेंगे, कार्यक्रम की तैयारी को लेकर चहुंटा महारानी स्थान परिसर में शिव शिष्यों की एक प्रखंड स्तरीय बैठक रविवार को आहूत की गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये डॉ. सोनल शाही ने शिव शिष्य परिवारों से आग्रह किया कि बाढ़ एक बड़ी आपदा क्षेत्र के लिये बनी हुई है. हजारों परिवार बागमती तटबंध निर्माण के बाद से विस्थापित हो गये हैं, अस्वस्थता पर पीएचसी व अन्य जगहों पर इलाज के लिये पहुंचाने में मदद करेंगे.
कांटी. नरसंडाचौक हल्की बारिश में रविवार को झील में तब्दील हो गयी़ कुछ माह पहले नरसंडा गांव की सड़क पर ईंट का टुकड़ा डाला गया था.परन्तु जनप्रतिनिधि और अधिकारी की उदासीनता के कारण गड़बड़ी कर दी गयी. प्रेम कुमार, राजकिशोर आदि ने बताया कि फोरलेन के सर्विस पथ के उत्तरी भाग के जलनिकासी के लिए नाला का निर्माण किया गया था. लेकिन पानी की निकासी नहीं हो रही है.
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