पटना. शहरी निकायों को स्वच्छता के प्रति प्रोत्साहित करने को भारत सरकार द्वारा चलाये जा रहे स्वच्छ सर्वेक्षण के आठवें चरण ‘ स्वच्छ सर्वेक्षण- 2023 ’ की घोषणा कर दी गयी है. इस बार की थीम ‘ कचरे से धन ’ रखी गयी है. इसमें पहले तीन के बजाय अब चार राउंड में शहरों के स्वच्छता की परख होगी. इससे हर तिमाही में प्रगति का मूल्यांकन हो सकेगा. प्रतियोगिता के तीसरे चरण में इस बार नागरिकों के सत्यापन और फील्ड एसेसमेंट को नये मानक विकसित किये गये हैं. फरवरी-मार्च महीने में होने वाला सिटीजन फीडबैक अभियान भी इस बार एक अक्तूबर, 2022 से ही प्रारंभ हो जायेगा, ताकि समय पर परिणाम की घोषणा हो सके.
केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास मंत्रालय द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के लिए जारी टूलकिट के मुताबिक 2023 की स्वच्छता परीक्षा 2022 के 7500 अंकों के मुकाबले 9500 अंकों की होगी. इस बार सर्विस आधारित प्रगति पर 3000 की जगह 4525 अंक, सर्टिफिकेशन पर 2250 की जगह 2500 अंक और सिटीजंस व्हाइस पर 2250 की जगह 2475 अंकों की व्यवस्था की गयी है.
स्वच्छ सर्वेक्षण की शुरुआत 2016 में 73 शहरों से हुई थी. यह सर्वेक्षण का आठवां चरण होगा, जिसके परिणाम की घोषणा 2023 में की जायेगी. इसमें भाग लेने वाले कुल शहरों की संख्या अभी तय नहीं की गयी है. 2022 के स्वच्छ सर्वेक्षण में 4355 शहरों ने भाग लिया था, जिसके परिणाम की घोषणा होनी बाकी है.
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जानकारी के मुताबिक स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में सर्विस आधारित प्रगति चार फेज में आंकी जायेगी. कुल 4525 अंकों के इस पैरामीटर का पहला चरण शुरू हो गया है, जिसके लिए कुल 320 अंक निर्धारित हैं. जुलाई से चलने वाले इसके दूसरे चरण के लिए 457 अंक, अगस्त- सितंबर में चलने वाले तीसरे चरण के लिए 1647 अंक और अक्तूबर से दिसंबर तक चलने वाले चौथे चरण के लिए 2150 निर्धारित किये गये हैं. सबसे बड़ी बात होगी कि नगर निकायों के द्वारा किये जाने वाले दावों को तीसरे चरण में पब्लिक डोमेन पर उनके फीडबैक व आपत्ति के लिए डाला जायेगा.
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