Lucknow News: सीबीआई ने सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाने के लिए तत्कालीन सरकारी कर्मचारियों सहित कुल 53 आरोपियों के खिलाफ चार अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं. इनकी तलाश में लगभग 40 स्थानों पर तलाशी अभियान भी चलाया गया. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई/CBI) ने जाली दस्तावेजों पर प्राइम वैल्यू की जमीनों और संपत्तियों को पट्टे पर देकर सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया है. इसके आरोप में शत्रु संपत्ति के सहायक संरक्षक की शिकायत पर चार अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं.
शत्रु संपत्ति के तत्कालीन लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों आदि सहित कुल 22 आरोपियों के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे. इसमें आरोप लगाया गया था कि उक्त लोक सेवकों ने निजी व्यक्तियों के साथ साजिश में स्थित वाणिज्यिक भूमि को पट्टे पर देकर सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया है. जिला सीतापुर, बाराबंकी और लखनऊ के पट्टेदारों के पक्ष में नाममात्र दरों पर और दस्तावेजों में हेरफेर और जाली कागजी कार्रवाई करने के आरोप पाए गए हैं. दोनों मामलों में शामिल कुल भूमि 54 हेक्टेयर (लगभग) थी. इन दोनों मामलों में आज लखनऊ, बाराबंकी, दिल्ली, कोलकाता सहित 19 स्थानों पर आरोपियों के परिसरों की तलाशी ली गई, जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए. लाभार्थियों में से एक से 82 लाख रुपये की वसूली भी की गई.
जानकारी के मुताबिक, तत्कालीन लोक सेवकों एवं निजी व्यक्तियों सहित 31 आरोपियों के खिलाफ अन्य दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें आरोप लगाया गया था कि निजी व्यक्तियों के साथ साजिश में उक्त लोक सेवकों ने लगभग 17 हेक्टेयर की बड़ी उच्च मूल्य भूमि को पट्टे पर देकर सरकारी खजाने को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया है. इसके तहत नोएडा एक्सटेंशन, गौतम बौद्ध नगर, गाजियाबाद, कासगंज आदि में प्रॉपर्टी लीज पर दी गई थी.
जांच में पाया गया है कि इन भूमि को बहुत मामूली किराये पर लीज पर दे दिया गया था. निजी बिल्डर्स की ओर से अवैध निर्माण की अनुमति दी गई थी और शत्रु संपत्तियों के मामले में लीज समझौते भी किए गए थे. इन दोनों मामलों में दिल्ली, कोलकाता, गाजियाबाद, कासगंज, बुलंदशहर, ग्रेटर नोएडा, गौतम बौद्ध नगर आदि सहित 21 स्थानों पर आरोपियों के परिसरों में तलाशी ली गई. इस तलाशी अभियान में आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं.