Arvind Kejriwal on Agnipath Scheme: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बृहस्पतिवार को ‘अग्निपथ योजना’ का विरोध कर रहे सेना में भर्ती के आकांक्षी युवाओं के समर्थन में सामने आये. उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि युवाओं को सिर्फ चार साल के लिए नहीं, बल्कि जीवन भर देश की सेवा करने का मौका दिया जाए.
केंद्र सरकार ने मंगलवार को दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना की घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल की लघु अवधि के लिए संविदा आधार पर की जायेगी.
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केजरीवाल ने ट्वीट में कहा, ‘केंद्र सरकार से अपील- युवाओं को चार साल नहीं, पूरी जिंदगी देश सेवा करने का मौका दिया जाए. पिछले दो साल सेना में भर्तियां नहीं होने की वजह से आकांक्षी युवा पात्रता से अधिक उम्र के हो गये हैं, उन्हें भी मौका दिया जाए.’ उन्होंने कहा कि युवा ‘नाराज’ हैं और देश में हर तरफ अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे हैं.
सेना भर्ती में केंद्र सरकार की नई योजना का देश में हर तरफ़ विरोध हो रहा है। युवा बहुत नाराज़ हैं। उनकी माँग एकदम सही हैं।
सेना हमारे देश की शान है, हमारे युवा अपना पूरा जीवन देश को देना चाहते हैं, उनके सपनों को 4 साल में बांधकर मत रखिए।
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— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 16, 2022
सरकार की इस घोषणा के बाद से खासकर बिहार में सेना में भर्ती के आकांक्षी युवाओं के बीच रोष व्याप्त है. बाहरी दिल्ली के नांगलोई रेलवे स्टेशन पर बृहस्पतिवार को एक दर्जन से अधिक आकांक्षी युवाओं ने पटरियों पर लेटकर एक ट्रेन का मार्ग अवरुद्ध किया. सेना की भर्ती में केंद्र सरकार की नयी योजना का देश में हर जगह विरोध हो रहा है.
केजरीवाल ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘युवा बहुत नाराज हैं. उनकी मांग एकदम सही है. सेना हमारे देश की शान है, हमारे युवा अपना पूरा जीवन देश को देना चाहते हैं, उनके सपनों को चार साल में बांधकर मत रखिए.’ पुलिस के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में रेलवे भर्ती परीक्षाओं में देरी और अग्निपथ योजना के विरोध में सुबह करीब 9:45 बजे नांगलोई रेलवे स्टेशन पर करीब 15-20 लोग जमा हुए.
पुलिस ने कहा कि उन्होंने एक ट्रेन को रोका, जो हरियाणा के जींद से पुरानी दिल्ली के लिए जा रही थी. केंद्र की योजना के तहत, चार साल के बाद 75 फीसदी सैनिकों को पेंशन जैसी सुविधाओं के बगैर ही सेवानिवृत्त कर दिया जायेगा और शेष 25 प्रतिशत को भारतीय सेना में नियमित रखने का प्रावधान किया गया है.