Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी की ओर से दिल्ली स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में बुधवार को बुलाई गई बैठक में कम से कम 16 विपक्षी दलों के नेता पहुंचे है. बैठक में आम सहमति से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार तय करने को लेकर चर्चा के लिए ममता बनर्जी द्वारा यह विपक्ष बैठक बुलाई गई है.
बता दें कि 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार उतारने पर आम सहमति बनाने के लिए तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को 7 मुख्यमंत्रियों सहित 19 राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक बुलायी है. हालांकि, ममता बनर्जी की इस बैठक में आज आप संयोजक अरविंद केजरावील और तेलंगाना राष्ट्र समिति के मुखिया के चंद्रखेशर राव बैठक में शामिल नहीं होंगे. ममता बनर्जी ने यह बैठक आगामी राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार तय करने के लिए बुलाई है.
राष्ट्रपति चुनाव से पहले ममता बनर्जी की ओर से आज बुलाई बैठक में एनसीपी चीफ शरद पवार, पफुल्ल पटेल, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती, कांग्रेस के जयराम रमेश, मल्लिकार्जुन खड़गे, डीएमके केटीआर बालू, शिवसेना से सुभाष देसाई, प्रियंका चतुर्वेदी, जेडीएस से एचडी कुमारस्वामी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, नेशनल कॉन्फ्रेस (NC) से उमर अबदुल्ला, आरजेडी से मनोज झा और एडी सिंह मीटिंग में पहुंचे हैं.
बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचना जारी करने के साथ ही बुधवार को नामांकन प्रक्रिया आरंभ हो गई. मतदान 18 जुलाई को निर्धारित है जबकि मतगणना के लिए 21 जुलाई की तारीख तय है. नामांकन की प्रक्रिया उस दिन शुरू हुई है जब विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के मुद्दे पर दिल्ली में एक बैठक बुलाई है. उम्मीदवार 29 जून तक नामांकन भर सकेंगे. नामांकन पत्रों की जांच 30 जून को होगी. नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 2 जुलाई है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है. राष्ट्रपति का चुनाव संविधान के अनुसार आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली से गुप्त मतदान के जरिए होता है. राष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल से होता है, जिसमें लोकसभा, राज्यसभा और राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल होते हैं. इनमें दिल्ली और पुडुचेरी की विधानसभा भी शामिल हैं. राज्यसभा और लोकसभा या राज्य विधानसभाओं के मनोनीत सदस्य निर्वाचक मंडल में शामिल होने के पात्र नहीं हैं, इसलिए वे चुनाव में भाग लेने के हकदार नहीं होते. इसी तरह, विधान परिषदों के सदस्य भी राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदाता नहीं होते हैं. मतदान संसद भवन और राज्य विधानसभाओं में होगा, जबकि मतों की गिनती दिल्ली में होगी.
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