पटना. मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना की सड़कों में गड़बड़ी पाये जाने पर इंजीनियरों और ठेकेदारों पर कार्रवाई होगी. इन सड़कों का स्थल निरीक्षण विश्व बैंक की मिशन टीम बहुत जल्द करेगी. इस टीम में विश्व बैंक के टास्क टीम लीडर, तकनीकी विशेषज्ञ, पर्यावरण एवं सामाजिक विशेषज्ञ, प्रोक्योरमेंट स्पेशलिस्ट, ऑडिट एक्सपर्ट भी शामिल होंगे.
पिछले महीनों में भी विश्व बैंक की सामाजिक एवं पर्यावरण टीम सहित तकनीकी टीम ने विश्व बैंक के सहयोग से चलने वाली मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना की सड़कों का निरीक्षण कर कई गलतियाें को पकड़ी थीं. टीम ने ग्रामीण कार्य विभाग के समस्तीपुर, चकिया, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर पश्चिमी, मुजफ्फरपुर पूर्वी-1 और महुआ कार्य प्रमंडलों का दौरा किया था. इसके बाद सड़कों को ठीक करने का ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों व इंजीनियरों को निर्देश दिया था.
विभाग ने सभी कार्यपालक अभियंताओं को निर्देश पर अमल करने के लिए कहा है. सूत्रों के अनुसार ग्रामीण कार्य विभाग के अंतर्गत विश्व बैंक की सहयोग से मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना के पहले, दूसरे और तीसरे बैच के तहत सड़कों का निर्माण और मॉनीटरिंग किया जा रहा है. इसके तहत करीब 33 हजार 900 किमी लंबाई में सड़कों और 321 पुलों का निर्माण करीब 27 हजार 904 करोड़ रुपये की लागत से करने की मंजूरी दी गयी है. इसमें से करीब 19 हजार 441 किमी लंबाई में सड़कों और एक पुल का निर्माण हो चुका है.
टीम ने दिया था निर्देश विश्व बैंक की टीम ने कहा था कि फ्लैंक में मिट्टी का कार्य बेहतर तरीके से करना चाहिये, रोड सेफ्टी साइन बोर्ड सही जगह लगना चाहिये. सड़क से संबंधित सूचना के लिए लगे साइनबोर्ड में सभी सूचनाएं होनी चाहिये. कई जगह फ्लैंक में पुराने पेड़ पाये गये, लेकिन इसके दोनों तरफ सावधानी के लिए साइनबोर्ड नहीं लगाया गया. बने हुये पुल-पुलिया में कई जगह उसके दोनों तरफ सुरक्षा गार्ड नहीं लगाया गया है. घरों के सामने आने-जाने के लिए सभी नालों को ढंके होने चाहिये.
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