पटना जिले में कोरोना वैक्सीन का तीसरा डोज लेने वालों की संख्या काफी कम है. ऐसे में अब जिला प्रशासन ग्रामीण इलाकों में घर-घर पहुंच कर तीसरा डोज लगायेगा. प्रखंडों में पंचायत स्तर पर इसका माइक्रो प्लान बनाया गया है और इस अभियान में आशा और आंगनबाड़ी सेविकाओं की सहायता ली जायेगी.
आशा और आंगनबाड़ी सेविकाएं घरों तक जाकर लिस्ट बनायेंगी कि किन-किन लोगों की तीसरा डोज लेने की तिथि आ चुकी है और उन्हाेंने अब तक यह नहीं लिया है. इसके साथ ही पहला व दूसरा डोज नहीं लेने वाले लोगों को भी चिह्नित किया जाएगा. आशा व आंगनबाड़ी सेविका को जिम्मेदारी दी गयी है कि अधिक-से-अधिक वैक्सीनेशन सुनिश्चित करवाएं.
पटना के पीएमसीएच, एनएमसीएच, आइजीआइएमएस, गार्डिनर रोड अस्पताल, पटना एम्स की ओपीडी में रोज आने वाले करीब छह हजार मरीजों में से करीब एक हजार मरीजों में सर्दी, जुकाम, बुखार की शिकायतें मिल रही हैं, पर डॉक्टर की सलाह के बाद भी आधे से अधिक मरीज कोरोना जांच नहीं करा रहे हैं. लक्षणों के आधार पर डॉक्टर मरीजों की जांच कराने की सलाह दे रहे हैं. पर ऐसे मरीजों की जांच नहीं होने से डॉक्टर चिंतित हैं.
महाराष्ट्र, केरल और दिल्ली में कोरोना बढ़ते संक्रमण के बीच में स्वास्थ्य विभाग अब अलर्ट मोड में आ गया है. इन तीनों राज्यों से पटना आने वाले लोगों की कोरोना जांच अनिवार्य कर दी गयी है. पटना एयरपोर्ट और पटना जंक्शन व दानापुर स्टेशन पर जांच टीमें भी बढ़ा दी गयी हैं.
सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी सिंह के निर्देश पर अब मीठापुर, अंटाघाट, मुसल्लहपुर हाट आदि बड़ी सब्जी मंडियों और गांधी मैदान, बैरिया बस स्टैंड में कोरोना जांच अनिवार्य कर दी गयी है. इसके अलावा पटना जंक्शन, दानापुर स्टेशन के अलावा एयरपोर्ट पर अतिरिक्त जांच टीमें तैनात की गयी हैं. यहां अब दो-दो अतिरिक्त काउंटरों पर जांच होगी.
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