रांची के कुछ इलाकों से प्रदर्शन और हिंसा की खबरें सामने आयी हैं. ऐसे में हमेशा यह आशंका बनी रहती है कि कहीं कोई झड़प चिंगारी का काम न कर दे और पूरा शहर कहीं उसकी गिरफ्त में न आ जाए. पुलिस प्रशासन को चुस्ती दिखानी होगी, ताकि शहर इस स्थिति से बचा रहे. सरकार व प्रशासन को भी सख्त संदेश देना होगा कि वह ऐसे तत्वों से सख्ती से निपट रही है, क्योंकि जरा-सी लापरवाही शहर और राज्य पर भारी पड़ सकती है.
साथ ही हम सब को भी चौकन्ना रहना होगा कि कहीं चंद हुड़दंगियों के कारण पूरा शहर अस्त-व्यस्त न हो जाए. हम आपसी द्वेष के दुष्चक्र में न फंसें और अमन व भाईचारा बनाए रखें. हम सबको सतर्क रहना होगा कि असामाजिक तत्व इस मौके का लाभ न उठा पाएं और सामाजिक शांति और सद्भाव भंग न करने पाएंं. यह सही है कि सरकार व प्रशासन मुस्तैद रहे, लेकिन समाज के सभी वर्गों के प्रबुद्ध नागरिकों को अपना दायित्व निभाना होगा.
शहर का अमन चैन बिगाड़ने वाले लोग किसी अन्य ग्रह से नहीं आते हैं, वे अपने आसपास के ही लोग हैं. शहर के जागरूक नागरिक अपना कर्तव्य निभाएं, ऐसे लोगों को टोकें और आगाह करें कि वे माहौल खराब न करें. दूसरी महत्वपूर्ण बात है कि सोशल मीडिया, खास कर व्हाट्सएप अफवाहों को हवा देता है. ऐसे संदेशों को फैलाने में योगदान न दें. अगर आपका कोई परिचित ऐसा करता है, तो लोगों के हित में उसे टोकें और मना करें.
यह जान लीजिए, हिंसा से स्कूल कॉलेज ठप हो जायेंगे, दफ्तरों में काम बंद हो जायेगा और काम-धंधा सब ठप हो जायेगा. यह गंभीर स्थिति है. सांप्रदायिक हिंसा की एक बड़ी घटना एक झटके में शहर व राज्य के अमन चैन पर पानी फेर सकती है. अगर आप चाहते हैं कि आपका शहर व प्रदेश आगे बढ़े, उसकी छवि पर बट्टा न लगे, तो हमें अपने शहर के सामाजिक सौहार्द को हर कीमत पर बनाए रखना होगा.