Agra News: जिले के एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में वैसे तो रोजाना ही अव्यवस्था रहती हैं. लेकिन गुरुवार को देखने को मिला कि जो तीमारदार अपने मरीजों को लेकर आ रहे थे उन्हें ना तो उन्हें स्ट्रेचर ही मिला और ना ही उन्हें व्हीलचेयर की व्यवस्था मिल पाई. जिसकी वजह से एक युवती को अपनी मां को गोद में उठाकर वाहन तक ले जाना पड़ा. वहीं एक युवक को अपने भाई को कंधे पर ले जाने पर मजबूर होना पड़ा. वहीं इस घटना पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने इस मामले पर ट्वीट कर एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को स्वयं जांच कर 3 दिन के अंदर आवश्यक कार्रवाई कर जवाब देने को कहा है.
आपको बता दें एसएन मेडिकल कॉलेज में ओपीडी तक जाने के लिए पूर्व में मेडिकल कॉलेज परिसर में स्थित दरगाह के बगल से होकर जाना होता था. लेकिन सुपर स्पेशलिटी भवन का निर्माण कार्य होने के चलते रास्ता बंद कर दिया गया है. जिसकी वजह से अब मरीजों व तीमारदारों को हॉस्पिटल रोड की तरफ से ओपीडी में जाना पड़ रहा है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत गुरुवार को कन्नौज निवासी प्रतीक्षा अपनी मां शीला को ओपीडी में दिखाने पहुंची थी. घुटनों में दर्द होने की वजह से प्रतीक्षा की मां चल नहीं पा रही थी. जिसके लिए उन्हें हड्डी रोग विभाग में दिखाया गया. लेकिन विभाग में मौके पर ना तो स्ट्रेचर ही था और ना ही व्हीलचेयर था और मदद के लिए कोई वार्ड बॉय भी मौजूद नहीं था. जिसकी वजह से प्रतीक्षा को ओपीडी के गेट से अपनी मां को गोदी में उठाकर वाहन तक ले जाना पड़ा.
वहीं दूसरे मामले में तीमारदार मनीष अपने छोटे भाई अरुण को गोदी में लेकर ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने के लिए पहुंचे थे. क्योंकि उन्हें भी कोई व्हीलचेयर नहीं मिला था. उनका कहना था कि उनके भाई के पैर में समस्या होने की वजह से वह चल नहीं पा रहा था. जब मैं गेट पर पहुँचा तो वहां कोई भी व्हीलचेयर उन्हें दिखाई नहीं दी. जिसकी वजह से वह अपने भाई को गोदी में उठा कर ही अंदर ले गए.
जिले के एक प्रमुख समाचार पत्र में छपी इस खबर को देखकर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से करीब 4:45 पर एक ट्वीट किया. जिसमें उन्होंने समाचार पत्र की खबर का हवाला दिया और साथ ही बताया कि उन्होंने एसएन मेडिकल कॉलेज के राजकीय प्रधानाचार्य को स्वयं इस मामले की जांच कर 3 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है.