रांची : झारखंड के सरकारी विभाग पर जेबीवीएनएल का 400 करोड़ से अधिक का बकाया है. यह बकाया अप्रैल और मई माह का है. जेबीवीएनएल ने चेतावनी दी है कि जल्द से जल्द बिल का भुगतान नहीं किया गया तो बिजली काट दी जाएगी. ज्ञात हो कि झारखंड के 31 सरकारी विभागों में उपभोक्ताओं की संख्या 15061 है. नगर विकास विभाग पर सबसे अधिक 174.70 करोड़, पेयजल विभाग पर 119.30 करोड़ व स्वास्थ्य विभाग पर 27.05 करोड़ रुपये बकाया है.
झारखंड बिजली वितरण निगम ने सरकारी विभागों के संबंधित पदाधिकारियों से आग्रह किया है कि वे अपने कार्यालय के बिजली बिल का भुगतान नियमित रूप से करें, ताकि निगम सुचारु रूप से बिजली की आपूर्ति कर सके. निगम द्वारा कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 से सभी सरकारी विभागों को बिजली बिल का भुगतान अपने स्तर से किया जाना है. पूर्व में राज्य सरकार द्वारा एकमुश्त राशि का भुगतान किया जाता था.
कृषि विभाग पर 4.31 करोड़ रुपये, भवन निर्माण पर 4.18, मंत्रिमंडल (निर्वाचन) पर 0.14, मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी पर 1.68, वाणिज्य कर पर 0.21, ऊर्जा विभाग पर 0.47, उत्पाद एवं मद्य निषेध पर 0.03, खाद्य आपूर्ति पर 0.49 व वन विभाग पर 2.16 करोड़ रुपये बकाया है.
वहीं, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा पर 3.80, गृह विभाग पर 23.16, उद्योग विभाग पर 2.38, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग पर 0.58, आइटी पर 0.14, श्रम पर 0.73, विधि पर 3.85, खान पर 0.50, कार्मिक पर 8.06, योजना पर 0.78, राजस्व पर 18.60, पथ पर 0.85, ग्रामीण विकास पर 7.05, स्कूली शिक्षा पर 25.41, पर्यटन पर 1.28, जल संसाधन पर 7.34, कल्याण पर 4.04 व महिला एवं बाल विकास विभाग पर 1.51 करोड़ रुपये बिजली बिल बकाया है.
Posted By: Sameer Oraon