16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

15 साल बाद गांधी सेतु के दोनों लेन पर सरपट दौड़ने लगीं गाड़ियां, पांच साल में तैयार हुआ सुपर सट्रक्चर

वर्ष 2017 में इसके पूर्वी लेन का निर्माण कार्य शुरू हुआ. उसके बाद अभी तक इसके एक लेन से लोग आवागमन करते थे. इसी बीच जेपी सेतु का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के बाद लोगों को थोड़ी राहत मिली थी

हाजीपुर. कभी राजधानी पटना को उत्तर बिहार से जोड़ने का एक मात्र साधन वर्ष 1982 में बना गांधी सेतु हुआ करता था. लेकिन, निर्माण के एक दशक बाद ही इसमें गड़बड़ी आने लगी. सन 2000 तक आते-आते यह पुल जर्जर होने लगा. उसके बाद गांधी सेतु पर जीर्णोद्धार कार्य को लेकर आवागमन की समस्या उत्पन्न होने लगी. वर्ष 2014 में गांधी सेतु के कंक्रीट के सुपर स्ट्रक्चर को तोड़कर स्टील के सुपर स्ट्रक्चर के निर्माण पर सहमति बनी. वर्ष 2017 में इसके पूर्वी लेन का निर्माण कार्य शुरू हुआ. उसके बाद अभी तक इसके एक लेन से लोग आवागमन करते थे. इसी बीच जेपी सेतु का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाने के बाद लोगों को थोड़ी राहत मिली थी

अगस्त 2015 में CM नीतीश कुमार ने पुल का शिलान्यास किया था

इसके साथ कई पुल निर्माण कार्य से आने वाले समय में लोगों को आवागमन में और भी सुविधा होगी. अभी सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट 3115 करोड़ रुपये की लागत से कच्ची दरगाह-राघोपुर-बिदुपुर सिक्सलेन पुल का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. अगस्त 2015 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पुल का शिलान्यास किया था. 9.67 किलोमीटर लंबे इस पुल का निर्माण कार्य अगले वर्ष तक पूरा होने की उम्मीद जतायी जा रही है.

गांधी सेतु के समानांत फोर लेन पुल का निर्माण भी तेजी से चल रहा

वहीं 2926.42 करोड़ रुपये की लागत से गांधी सेतु के समानांत फोर लेन पुल का निर्माण भी तेजी से चल रहा है. बीस प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है. इस पुल का निर्माण कार्य सितंबर 2024 तक पूरा होने की पूरी उम्मीद है. इसके अलावा सोनपुर-दीघा जेपी सेतु के समानांतर सिक्स लेन पुल प्रस्तावित है. इसकी मंजूरी भी केंद्र के स्तर पर मिल चुकी है. इसी वर्ष इस पुल के लिए राशि का आवंटन भी कर दिये जाने की उम्मीद है.

Also Read: सीतामढ़ी रोड होगा फोरलेन, कांटी में बनेगा अंडरपास व सर्विस रोड, केंद्रीय मंत्री ने पत्र जारी कर दी जानकारी
40 वर्ष पुराने पुल को मिला नया जीवन

गंगा नदी पर बने लगभग 40 साल पुराने महात्मा गांधी सेतु पुल को नया जीवन मिला है. बिल्कुल नयी तकनीक से बने इस पुल पर हर तरह के वाहनों की आवाजाही हो सकती है. इसके निर्माण में हाइ स्ट्रेंथ वाले स्टील का उपयोग कर किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि पुल में 26 लाख नट बोल्ट व 66.380 टन स्टील का उपयोग किया गया है. तकनीक और गुणवत्ता के लिहाज से यह पुल बिल्कुल ही अलग अंदाज का है. अधिकारियों के अनुसार सुपर स्ट्रक्चर में बदलने के लिए निर्माण कंपनियों की ओर से जिस स्टील का उपयोग किया गया, वह पंजाब, राजस्थान, हरियाणा व दूसरे प्रांतों से मंगाया गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें