13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Exclusive : खेलो इंडिया यूथ गेम्स में रिकॉर्ड बनाने वाले सदानंद के जन्म से पहले हो गयी थी पिता की मृत्यु

खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 में झारखंड के हजारीबाग के सदानंद कुमार ने इतिहास रच दिया है. सदानंद कुमार ने 100 मीटर फर्राटा दौड़ में नेशनल रिकॉर्ड बनाया है. उन्होंने पिछले साल भी इसी आयोजन में गोल्ड जीता था. इस बार भी सदानंद ने रिकॉर्ड के साथ गोल्ड जीता. पेश है यह एक्सक्लूसिव रिपोर्ट...

हजारीबाग जिले के बड़कागांव प्रखंड के ग्राम चंदौल निवासी 20 वर्षीय सदानंद कुमार ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2021 में स्वर्ण पदक जीत लिया है. इस पदक के लिए उन्होंने 100 मीटर दौड़ ने नेशनल रिकॉर्ड को तोड़ा है. सदानंद के इस प्रदर्शन से उनके गांव में खुशी का माहौल है. उन्होंने पूरे झारखंड का नाम रोशन किया है. सदानंद कुमार का बचपन बहुत ही संघर्ष में बीता. पेश है प्रभात खबर डॉट कॉम की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट…

पिता की मृत्यु के 21 दिन बाद हुआ था सदानंद का जन्म

सदानंद का जन्म उनके पिता विजय कुमार रजवार की मृत्यु के 21 दिन बाद हुआ था. तब से इनकी माता चंपा मोसोमात, दादा बेचन रजवार, दादी पुसनी देवी ने उनका लालन-पालन किया. सदानंद कुमार चंदोल प्राथमिक विद्यालय में केवल एक ही साल पढ़े. इसके बाद संत मैरी स्कूल बड़कागांव में उन्होंने 2011 से लेकर 2013 तक पढ़ाई की. इसके बाद हजारीबाग के संत स्टीफन स्कूल में 2013 में उन्होंने पांचवीं कक्षा में दाखिला लिया. संत स्टीफन स्कूल हजारीबाग से ही सदानंद ने 12वीं तक की पढ़ाई की. उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा 2019 में पास किया. इंटर की पढ़ाई 2021 में पूरी की. वर्तमान में कोलकाता में इनकी पढ़ाई चल रही है.

Also Read: पकौड़े बेचने वाले की बेटी ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में जीता पहला गोल्ड, काजोल ने उठाया 113 किलो वजन
दादा ने हमेशा सदानंद को प्रेरित किया

सदानंद के दादा बेचन रजवार चंदोल प्राथमिक विद्यालय के प्राचार्य थे. इनका कहना है कि मैंने कभी भी अपने पोते सदानंद और पोती किरण कुमारी को पिता की कमी नहीं खलने दी. अपने पोते की प्रतिभा को देखकर मैं जानता था कि मेरा पोता एक दिन खेल में जरूर नाम रोशन करेगा. मैंने उसे हमेशा प्रेरित किया. सदानंद की मां चंपा ने बताया कि सदानंद बचपन से ही दौड़ने में काफी तेज था. वह तीन साल की उम्र से ही काफी तेज दौड़ता था, मुझे उसे पकड़ने में काफी मुश्किल होती थी. मुझे पता था कि वह आगे जाकर बड़ा खिलाड़ी बनेगा. आज सपना पूरा होता देख मैं काफी खुश हूं. बड़ी बहन किरण कुमारी ने भी खुशी जाहीर की.

सदानंद राष्ट्रीय स्तर पर 2017 में हुआ था प्रसिद्ध

सदानंद कुमार ने 2017 में गुजरात के गांधीनगर में आयोजित अंडर-14 इंडिया ओलिंपिक दौड़ में 100 मीटर की दौड़ में गोल्ड मेडल हासिल किया था. उनके खेल को देखते हुए संत स्टीफन स्कूल प्रबंधक सदानंद को एक रुपये मासिक फीस में पढ़ाता है. स्कूल ने उन्हें 10 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि भी दी थी. असम के गुवाहाटी में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2020 में भी उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल किया था.

Also Read: धनबाद के निरसा की इतु मंडल ने रचा इतिहास, खेलो इंडिया यूथ गेम्स में बनी सबसे कम उम्र की प्रतिभागी
परिवार के सदस्यों और मित्रों ने दी बधाई

सदानंद कुमार के नेशनल रिकॉर्ड पर उनके प्रखंड बड़कागांव के लोग काफी खुश हैं. उनके दादा बेचन रजवार सहित मंझला दादा लोचन रजवार, सांझला दादा कंचन रजवार, छोटे दादा किशुन रजवार, चाचा अशोक रजवार, रोहित रजवार, गणेश रजवार, गिरजा नंद कुमार, बहन किरण कुमारी, जीजा बिट्टू रजवार फुआ प्रतिमा कुमारी, फूफा संदीप रजवार, शीला देवी, द्वारका रजवार, बिंदु देवी, तेज नारायण रजवार, रूपा कुमारी, भुनेश्वर रजवार, दीदी प्रियंका कुमारी, सुनील रजवार, लीलावती देवी, पंकज रजवार, लोक जनशक्ति पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष मोहम्मद परवेज, सदानंद के मित्र सूरज दास, पवन कुमार, आनंद कुमार ने उन्हें बधाई दी है.

रिपोर्ट : संजय सागर

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें