पटना. बिहार में अगले छह माह के दौरान जातिगत गणना का काम पूरा कर लिया जायेगा. इसमें खास बात यह होगी कि जाति आधारित गणना के दौरान संबंधित लोगों की आर्थिक स्थिति का भी सर्वेक्षण कराया जायेगा. इससे जाति की संख्या के साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति की भी जानकारी हो सकेगी.
राज्य सरकार ने कैबिनेट की बैठक में जाति आधारित गणना या सर्वे अपने स्तर से कराने का अंतिम निर्णय ले लिया है. इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग के स्तर से इसे कराने से संबंधित अधिसूचना जारी कर दी गयी है.
इस सर्वे कार्य को राज्य में कराने के लिए नौ महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं. इसके अनुसार, सभी जिलों के डीएम इस सर्वे को कराने के लिए नोडल पदाधिकारी होंगे और इसके पूरे प्रभार में रहेंगे. सामान्य प्रशासन विभाग और जिला पदाधिकारी इस काम के लिए ग्राम स्तर, पंचायत स्तर और उच्चतर स्तर पर अलग-अलग विभागों में कार्यरत कर्मियों की सेवाएं लेंगे.
जाति आधारित गणना कराने पर 500 करोड़ रुपये का खर्च किया जायेगा. यह राशि आकस्मिक निधि से खर्च की जायेगी. फरवरी 2023 तक यह कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा. जाति आधारित गणना की प्रगति के बारे में समय-समय पर विधानसभा के विभिन्न दलों के नेताओं को अवगत कराया जायेगा.
पटना. नगर विकास एवं आवास विभाग ने नगर निकायों में संविदा के आधार पर कार्यरत 29 नगर प्रबंधकों के मानदेय के लिए 1.11 करोड़ रुपये की मंजूरी प्रदान की है. इस राशि में से 26 नगर प्रबंधकों को प्रतिमाह 50 हजार रुपये की दर से पांच माह के लिए करीब 90 लाख रुपये, जबकि तीन नगर प्रबंधकों को प्रतिमाह 50 हजार रुपये की दर से 12 महीने के लिए 20.31 लाख रुपये की मंजूरी प्रदान की गयी है.