बिहार में मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी बढ़कर अब 366 रुपये हो गई है. परामर्शदातृ परिषद की बैठक में न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि की अनुशंसा की गई है. तकरीबन दो महीने के बाद यह नई दर बिहार में प्रभावी हो जाएगी. इस वृद्धि के बाद राज्य के तकरीबन तीन करोड़ मजदूरों को लाभ मिलेगा. इस वृद्धि के बाद मजदूरों को मौजूद दर से कम से कम 48 रुपये अधिक मिलेंगे.
श्रम मंत्री जिवेश कुमार ने बताया कि न्यूनतम मजदूरी के दरों में बढ़ोतरी प्रस्ताव स्वीकृत हो गया है. इसके तहत अब अकुशल श्रमिकों का न्यूनतम मजदूरी बढ़कर 366 रुपये प्रति दिन तक हो जायेगा. उन्होंने बताया कि न्यूनतम मजदूरी परामर्शदातृ की बैठक में किए गये अनुशंसा के बाद सरकार द्वारा असंगठित श्रमिकों के न्यूनतम मजदूरी के मूल वेतन का पुनः निर्धारण का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है. इसके तहत पूर्व से प्रचलित न्यूनतम मजदूरी की मूल दर एवं महंगाई भत्ता को समाहित करके अतिरिक्त आर्थिक लाभ देते हुए कामगारों के न्यूनतम मजदूरी के नए मूल वेतन का लाभ दिया जा रहा है.
श्रम संसाधन विभाग के अनुसार पांच साल के अंतराल पर मजदूरी के मूल वेतन का पुन: निर्धारण हुआ करता है लेकिन महंगाई को देखते हुए परिषद ने इस बार मजदूरों के मूल वेतन में 15 फीसदी वृद्धि की अनुशंसा की है. प्रस्ताव के तहत पूर्व से प्रचलित न्यूनतम मजदूरी की मूल दर एवं महंगाई भत्ता को समाहित कर उस पर 15 फीसदी अतिरिक्त आर्थिक लाभ देते हुए कामगारों के न्यूनतम मजदूरी के नए मूल वेतन का लाभ दिया जाएगा. इसके लागू होने से सामान्य कार्य में अकुशल श्रमिकों का न्यूनतम मजदूरी बढ़कर 366 रुपए रोजाना तक हो जाएगा, जो अभी 318 रुपए ही है.
मंत्री ने कहा कि इस योजना का लाभ राज्य के सभी असंगठित अकुशल, अर्ध कुशल, कुशल एवं अति कुशल श्रमिकों को प्राप्त होगा. मजदूरी की बढ़ी हुई दर का लाभ निर्माण श्रमिकों, घरेलू कामगारों, कृषि श्रमिक सहित 88 नियोजनों में कार्यरत विभिन्न प्रकार के कामगारों को प्राप्त होगा. बढ़ी हुई मजदूरी के संबंध में श्रमिक प्रतिनिधियों सहित आम जनमानस के सुझाव के लिए अनलाइन पोर्टल पर डाला जायेगा. सुझाव प्राप्त होने के बाद अंतिम रूप से अधिसूचना जारी की जाएगी.