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देश की पहली के-पॉप स्टार श्रेया को उनके पिता बनाना चाहते थे स्पोर्ट्स पर्सन, लेकिन उसने चुनी अलग राह

श्रेया लेंका ने सिर्फ 12 वर्ष की उम्र में ओडिशी क्लासिकल डांस के साथ फ्री स्टाइल, हिप-हॉप और कंटेंपरेरी डांस सीखा. श्रेया बचपन से ही के-पॉप को पसंद करती थीं. उस वक्त बीटीएस, स्ट्रे किड्स, और द ब्वॉयज के गाने सुना करती थीं.

देश की बेटियां आसमान छू रही हैं. उन्हें पंख फैलाने का मौका मिले, तो वह दुनिया भर में भारत का परचम लहरा सकती हैं. इसी कड़ी में एक नाम और जुड़ गया है ओडिशा के राउरकेला की रहने वाली श्रेया लेंका का. दरअसल, श्रेया को दक्षिण कोरिया के लोकप्रिय के-पॉप बैंड ‘ब्लैकस्वैन’ में शामिल किया गया है.

महज 18 वर्ष की उम्र में राउरकेला से दक्षिण कोरिया का यह सफर बेहद दिलचस्प रहा है. महीनों की मेहनत के बाद श्रेया लेंका को यह सफलता मिली है. बचपन में कभी उनके पापा स्पोर्ट्स पर्सन बनाना चाहते थे, लेकिन उन्हें म्यूजिक से प्यार था. पेश है श्रेया लेंका की जिंदगी से जुड़े कुछ अनछुए पहलुओं पर खास रिपोर्ट.

श्रेया लेंका ने सिर्फ 12 वर्ष की उम्र में ओडिशी क्लासिकल डांस के साथ फ्री स्टाइल, हिप-हॉप और कंटेंपरेरी डांस सीखा. श्रेया बचपन से ही के-पॉप को पसंद करती थीं. उस वक्त बीटीएस, स्ट्रे किड्स, और द ब्वॉयज के गाने सुना करती थीं. उन्होंने कोरियन शो ‘इएक्सओज ग्राउल एमवी’ को देखा और उनके मेंबर्स के मूव्स कॉपी करने की कोशिश की. वर्ष 2020 में कोरोना महामारी के दौरान वह घर की छत पर प्रैक्टिस करती थीं और यूट्यूब के जरिये कैसे ऑडिशन देना है, ये सीख रही थीं.

जब श्रेया ने ऑडिशन देना शुरू किया, तो सबसे पहले उन्होंने ऑनलाइन कोरियन सीखी और उनके ढेर सारे ड्रामा देखे और वहां की संस्कृति को भी जाना. दिसंबर, 2021 में डीआर म्यूजिक के तहत श्रेया को 4000 लड़कियों में से चुना गया. वह 23 फाइनलिस्ट में से एक थीं. ये सारे ऑडिशन यूट्यूब पर हुए थे. श्रेया मानती हैं ‘यह सपना इतनी जल्दी पूरा होगा और इतने सारे सेलिब्रिटी मेरे बारे में पोस्ट करेंगे, यह कभी नहीं सोचा था.’

पापा ने किया मोटिवेट

श्रेया मूलरूप से ओडिशा के राउरकेला की रहने वाली हैं. वर्ष 2007-08 में उनके पिता नौकरी के सिलसिले में पूरे परिवार के साथ झारसुगड़ा आ गये. उनके पिता अविनाश लेंका झारसुगड़ा में ही किसी प्राइवेट कंपनी में बतौर साइट इंचार्ज के रूप में काम करते हैं. श्रेया की शुरुआत पढ़ाई डीएवी, झारसुगड़ा से हुई है. उनके पिता को भी म्यूजिक व स्पोर्ट्स से काफी लगाव था. वे शुरू में चाहते थे कि उनकी बेटी भी स्पोर्ट्स के क्षेत्र में जाये और देश का नाम रोशन करे, पर श्रेया का झुकाव म्यूजिक की ओर ज्यादा था. इसके बाद उनके पापा ने अपनी इच्छाओं को बेटी पर कभी नहीं थोपा.

मां को नहीं थी जानकारी

श्रेया अपनी मां प्रिया लेंका की बहुत ही लाडली हैं. पारिवारिक सूत्रों की मानें, तो प्रिया लेंका अपनी बेटी को एक पल भी अकेला नहीं छोड़ना चाहती हैं. जब कभी श्रेया को किसी काम से बाहर जाना पड़ता था, तो मां हमेशा उनके साथ जाती थीं, पर जब उनका दक्षिण कोरिया के लोकप्रिय के-पॉप बैंड ‘ब्लैकस्वैन’ में चयन हो गया, तो परिवार के दूसरे सदस्यों ने उनकी मां को इसकी जानकारी तक नहीं दी. वे जानते थे कि वह श्रेया को अकेले दक्षिणी कोरिया नहीं जाने देंगी. जब श्रेया के पापा उन्हें एयरपोर्ट छोड़कर घर लौटे, तब जाकर उन्हें अपनी बेटी की कामयाबी की जानकारी मिली. अब अपनी बेटी की इस सफलता से प्रिया लेंका भी बेहद खुश हैं.

लंबी ट्रेनिंग से गुजरना पड़ा

बैंड में चयन के बाद श्रेया लेंका और उनकी प्रतिद्वंद्वी ब्राजील की रहने वाली गैब्रिएला डाल्सिन की ट्रेनिंग सिओल में दिसंबर में शुरू हुई. श्रेया का मानना है कि के-पॉप सदस्य बनने के लिए हर पहलू को बेहतर बनाने के लिए काफी लंबी ट्रेनिंग की जरूरत होती है. इस दौरान उन्हें भी कोरियन भाषा, डांस, गायन, रैपिंग सब कुछ सीखना था और खुद को हर पहलू से मजबूत करना था. इस मुकाम तक पहुंचने में पूरे परिवार का सहयोग रहा है. इस पूरी प्रक्रिया में पापा का सहयोग ज्यादा रहा. वे हमेशा मुझे मेरी गलतियां बताते थे. हमेशा कहते थे, ‘खुद पर और अपने सपनों पर यकीन करो.

और बदल गयी जिंदगी की दिशा

अपनी प्रतिभा और संघर्ष की बदौलत अब 18 वर्षीया श्रेया अब दक्षिण कोरिया के मशहूर बैंड ‘ब्लैकस्वान’ की पांचवी सदस्य बन गयी हैं. दरअसल, बैंड में नये सदस्य को शामिल किये जाने की घोषणा पिछले साल एक सदस्य हैमी के चले जाने के बाद की गयी थी. दिलचस्प बात यह है कि श्रेया और गैब्रिएला डाल्सिन दोनों ने ही कभी नहीं सोचा था कि उन्हें एक साथ बैंड में शामिल होने का मौका मिलेगा, क्योंकि बैंड में सिर्फ एक जगह ही खाली थी.

श्रेया की मानें, तो पहले हम लोगों को बस यही जानकारी थी कि एक जगह ही खाली है, इसलिए हमें कड़ी मेहनत करनी होगी. श्रेया का मानना है कि डाल्सिन से मुकाबला वाकई कठिन था, क्योंकि दोनों दोस्त बन गये थे. क्योंकि, दोनों साथ में रहते थे, खाना खाते थे और साथ में प्रैक्टिस करते थे. आखिरकार अब हम दोनों इस बैंड के हिस्सा हैं.

Posted By: Sameer Oraon

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