Aligarh News: अलीगढ़ के सुरेंद्र नगर में 26 मई को सर्राफा कारोबारी ललित वर्मा की पत्नी और 8 साल का बेटा गिरवांशू की हत्या का चर्चित प्रकरण मजबूरी, डर और पश्चाताप में सिमट कर रह गया. हत्या के मास्टरमाइंड के साथी शुभम की गिरफ्तारी और मुख्य आरोपित अतुल वर्मा के ट्रेन से टकराकर आत्महत्या के प्रयास से हुए खुलासे में मजबूरी, डर और पश्चाताप, 3 बातों की ही भूमिका नजर आई.
सुरेंद्र नगर में मां- बेटा की हत्या में गिरफ्तार बुलंदशहर के शुभम सिंह ने बताया था कि हरदुआगंज निवासी सुनार अतुल वर्मा ने बिजनेस में 10- 15 लाख का घाटा होने पर मजबूरी में शुभम के साथ मिलकर सुरेंद्र नगर निवासी सर्राफा कारोबारी ललित वर्मा के घर में लूट करने की प्लानिंग बनाई, जहां उनका अक्सर आना-जाना था.
गिरफ्तार शुभम ने पुलिस को बताया था कि घटना वाले दिन लूट के उद्देश्य से सर्राफा कारोबारी के घर गए थे, वहां पर जो लूटपाट की, वह ना खुले, इस डर से सर्राफा कारोबारी की पत्नी शिखा वर्मा और 8 साल के बेटे गिरवांशू की हत्या कर दी. साथी शुभम की गिरफ्तारी के बाद मर्डर का मास्टरमाइंड अतुल वर्मा फरार हो गया था और इधर उधर पुलिस से बचने के लिए जगह बदल रहा था. पुलिस ने बताया था कि अतुल वर्मा ने अपने वकील से भी कई बार बात की थी और पूछा था कि कितने साल की सजा होगी ? जमानत होगी या नहीं होगी? अब क्या होगा? इन सब सवालों से अतुल वर्मा डरा हुआ था.
मर्डर के मुख्य आरोपित अतुल वर्मा को सर्राफा कारोबारी की पत्नी शिखा वर्मा और बेटा गिरवांशू की हत्या का पश्चाताप भी था. आत्महत्या की कोशिश से पहले अतुल वर्मा की फोन पर अपनी मां से बातचीत हुई. अतुल वर्मा ने मां से कहा कि वह मेरी भाभी थी और मैंने उन्हें मार दिया, ऐसा मैंने क्यों किया? मुख्य आरोपित अतुल वर्मा को अपने करें पर पश्चाताप हुआ और उसने ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या करने का प्रयास किया. मां बेटा हत्याकांड के दोनों आरोपी अतुल वर्मा और शुभम सिंह पढ़े लिखे हैं, बैठो एक एमकॉम है, तो दूसरा बीए आनर्स. दोनों ही आरोपितों के खिलाफ कोई भी आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है.
रिपोर्ट : चमन शर्मा