27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड में बालू की कमी, पीएम आवास व पुल-पुलियों समेत सभी निर्माण कार्य बंद, 15 लाख मजदूर बेरोजगार

एक ओर चार साल से बालू घाटों की बंदोबस्ती लंबित रहने से बालू निकासी ठप पड़ी है, वहीं एनजीटी के आदेश से दस जून से 15 अक्टूबर तक बालू का उठाव भी प्रतिबंधित है.

रांची: झारखंड में बालू की कमी से पीएम आवास समेत सभी निर्माण कार्य ठप हैं. इसका असर ये है कि आज राज्य के करीब 15 लाख मजदूर बेरोजगार हो गये हैं. ये स्थिति इसलिए उत्पन्न हुई क्योंकि चार साल से बालू घाटों की बंदोबस्ती लंबित है. इसके अलावा एनजीटी के आदेश से दस जून से 15 अक्टूबर तक बालू का उठाव भी प्रतिबंधित है.

जिस कारण आज राज्य में बालू की काला बाजारी भी बढ़ गयी है. लोगों को 3 से 4 गुणे महंगे दामों पर बालू मिल रहा है. 10 जून के पूर्व बालू स्टॉक करने की तैयारी की गयी है, लेकिन अवधि कम रहने से समस्या हो रही है. खान विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस बार तो यह स्थिति है कि बंदोबस्ती नहीं होने से स्टॉकिस्ट भी बालू को जमा करके नहीं रख सकते. मॉनसून में बालू की कमी की आशंका जतायी जा रही है.

एमडीओ नियुक्त, पर नहीं कर पा रहे काम :

राज्य में चार वर्षों में केवल एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मंगाकर माइंस डेवलपर ऑपरेटर (एमडीओ) की नियुक्ति हो सकी है. वहीं एमडीओ किस बालू घाट से बालू निकालेगा, यह अभी तय नहीं हो सका है. वजह कि जिलों को वित्तीय निविदा निकाल कर एमडीओ को बालू घाट देना है. इसलिए घाटों से बालू की निकासी ठप पड़ी है.

जेएसएमडीसी को ही करना है घाटों का संचालन :

सरकार के फैसले के अनुसार, कैटगरी दो के सभी बालू घाटों का संचालन जेएसएमडीसी को ही करना है. यह तत्कालीन रघुवर दास की सरकार ने तय किया था. कैटगरी दो में राज्य में 608 बालू घाट चिह्नित हैं. इन घाटों को क्षेत्रफल के अनुसार तीन श्रेणी यानी कैगटगरी ए में 10 हेक्टेयर से कम, कैटगरी बी में 10 हेक्टेयर से 50 हेक्टेयर और कैटगरी सी में 50 हेक्टेयर से अधिक के बालू घाटों को रखा गया है.

जेएसएमडीसी द्वारा इन बालू घाटों के संचालन के लिए एमडीओ की नियुक्ति के लिए टेंडर किया गया था. इसके तहत प्रथम चरण में एजेंसी को सूचीबद्ध जेएसएमडीसी द्वारा कर लिया गया है. दूसरे चरण में एजेंसी के चयन के लिए फायनेंशियल बिड की प्रक्रिया जिलावार संबंधित डीसी द्वारा बालू घाटवार करनी थी.

डीसी को संबंधित घाटों के लिए श्रेणीवार सूचीबद्ध एजेंसी में से कैटगरी ए एवं कैटगरी बी बालू घाटों के लिए वित्तीय निविदा के माध्यम से एजेंसी का चयन करना है. कैटगरी सी के अंतर्गत पड़ने वाले घाटों के एमडीओ का अंतिम चयन निगम द्वारा ही किया जाना है.

जेएसएमडीसी का प्रयास नाकाफी:

जेएसएमडीसी ने सभी घाटों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. स्थिति यह है कि हेल्पलाइन नंबर पर फोन करने पर पहले तो संबंधित व्यक्ति फोन ही नहीं उठाता है. फोन उठा भी लिया, तो कोई न कोई बहाना बनाकर टालने का प्रयास किया जा रहा है.

केवल 17 घाटों से ही वैध रूप से बालू का उठाव हो रहा

राज्यभर में केवल 17 बालू घाटों से ही वैध रूप से बालू उठाव हो रहा है. जेएसएमडीसी के चतरा के चार, सरायकेला-खरसावां के एक, कोडरमा के दो, दुमका के दो, देवघर के पांच, हजारीबाग के एक, खूंटी के दो व गुमला के एक बालू घाट ही ऐसे हैं, जिनमें एमडीओ नियुक्त हैं. ये वैध तरीके से बालू का उठाव कर सकते हैं. रांची में खूंटी व गुमला के बालू घाटों से कुछ लोग बालू की आपूर्ति कर रहे हैं.

जेएसएमडीसी ने बालू स्टॉक करने की तैयारी की, पर कम समय रहने के कारण आ रही बाधा

कालाबाजारी से बालू की करनी पड़ रही खरीदारी, चार गुना पैसा देने पर भी नहीं मिल रहा बालू

दस जून से 15 अक्टूबर तक बालू निकासी पर रोक, 15 जुलाई तक बंदोबस्ती पर भी है रोक

रोजगार पर पड़ रही चोट

राजधानी में कई जगहों से मजदूर काम की तलाश में पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें काम नहीं मिलने के कारण लौटना पड़ रहा है.

पीएम आवास योजना लटकी

बालू के अभाव के कारण राज्य में ग्रामीण इलाकों में प्रधानमंत्री आवास योजना का कार्य बुरी तरह प्रभावित हो गया है. जहां हर दिन 1400 से 1500 आवास एक दिन में बनते थे, वहीं, अब इसकी संख्या घटकर 500 से भी नीचे पहुंच गयी है. धीरे-धीरे आवास पूर्ण होने की संख्या और भी घटती जा रही है. यह संख्या एक सौ-दो सौ तक पहुंचने की स्थिति में है, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है.

पुल-पुलिया का काम भी प्रभावित :

राज्य में मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में पुल-पुलिया का काम चल रहा है. बालू के अभाव के कारण योजनाओं को आगे खींचना मुश्किल है. जितनी भी चालू योजनाएं हैं, वे बालू की अनुपलब्धता के कारण ठप होने की स्थिति में आ रही हैं.

पुल और पुलिया के निर्माण में बालू का ही उपयोग महत्वपूर्ण होता है, पर यहां बालू की व्यवस्था करने में ठेकेदारों को भी काफी परेशानी हो रही है. यह परेशानी विगत कई माह से चल रही है, लेकिन अभी समस्या और भी बढ़ती जा रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें