पटना के गर्दनीबाग की अनिसाबाद पुलिस कॉलोनी के सामने भागवत कॉम्पलेक्स के फर्स्ट फ्लोर पर स्थित आइआइएफएल गोल्ड फाइनेंस में अपराधियों ने आसान तरीके से आठ किलो साेना लूट लिया और फरार होने में सफल रहे. जिस समय यह घटना हुई उस समय कार्यालय के अंदर मैनेजर धीरज कुमार, स्टाफ नवनीत कुमार व अन्य दो अपने काम में व्यस्त थे. जबकि वल्लमीचक की रहने वाली उर्मिला देवी व दो अन्य ग्राहक गोल्ड लोन लेने की प्रक्रिया में जुटे थे. अपराधी चार की संख्या में थे और जींस और टीशर्ट में थे. उनकी उम्र 35-40 साल की थी और स्मार्ट लूक में थे.
ये सभी ग्राहक बन कर कंपनी कार्यालय में पहुंचने के बाद घटना को अंजाम देने के बाद थोड़ी देर बाद ही निकल गये. जानकारी के अनुसार, ये सभी अपराधी आइआइएफएल गोल्ड फाइनेंस के कार्यालय में दोपहर 3.15 बजे पहुंचे थे. सबसे पहले दो लोग कंपनी के गेट पर पहुंचे. उन दोनों ने गेट पर मौजूद गार्ड नवीन कुमार को बताया कि वे लोग गोल्ड लोन लेना चाहते हैं. इसके बाद गार्ड ने एक का आधार कार्ड चेक किया और फिर हैंड मेटल डिटेक्टर से उन दोनों ही जांच की और कुछ नहीं मिलने पर दोनों को अंदर जाने की इजाजत दे दी. दोनों अंदर गये और उसके महज पांच मिनट के अंदर में दो और लोग पहुंचे. एक के हाथ में बैग था और दूसरे के पास कुछ नहीं था.
जानकारी के अनुसार, पुलिस टीम ने करीब 50 सीसीटीवी कैमरों के वीडियो फुटेज को खंगाल दिया, जिसके कारण पुलिस ने अपराधियों की पहचान कर ली. इसके बाद लगातार आगे बढ़ते हुए खगौल तक पहुंच गये. अपराधी अनिसाबाद पुलिस कॉलोनी से होते हुए फुलवारीशरीफ पहुंचे थे और फ्लाइओवर चढ़ने के बाद दानापुर स्टेशन के सामने से होते हुए खगौल रेलवे क्वार्टर की ओर चले गये थे.
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जिस गैंग ने आइआइएफएल गोल्ड फाइनेंस में लूट की घटना को अंजाम दिया है, यह नया है. सोना लूटने में माहिर तमाम पुराने चेहरे अभी जेल की सलाखों के अंदर में है. सोना लुटेरा सुबोध सिंह, रवि पेशेंट आदि जेल में है. सुबोध सिंह बिहार के साथ ही झारखंड, पश्चिम बंगाल, चंडीगढ़, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र आदि राज्यों में गोल्ड फाइनेंस कंपनी के सोने को लूट चुका है. हाल में ही आसनसोल में हुए सोने की लूट मामले में बिहार एसटीएफ ने राजगीर से सुबोध सिंह के सहयोगी पटना के सालिमपुर निवासी अमर सिंह को गिरफ्तार किया था. वह जेल में है. यह कयास लगाया जा रहा है कि इस बार आइआइएफएल में घटना को अंजाम देने वाले अपराधियों का नया गैंग है.
एफएसएल व सीआइडी की टीम ने भी घटनास्थल की जांच की. इस दौरान डॉग स्कवॉयड से भी जांच करायी गयी तो उसमें शामिल खोजी कुत्ता खोजा इमली की ओर बढ़ा और फिर रुक गया. इससे यह स्पष्ट है कि अपराधी घटनास्थल से कुछ दूरी तक पैदल गये और फिर बाइक से निकल गये.