रांची: राज्यसभा चुनाव में झामुमो की ओर से प्रत्याशी देने पर कांग्रेस विधायकों ने मंगलवार को नाराजगी जतायी. दिनभर कांग्रेस कार्यालय में बैठकों का दौर चला. विधायकों ने पार्टी प्रभारी अविनाश पांडेय से मुलाकात में कहा कि कांग्रेस को सरकार में शािमल रहने के बजाय बाहर से समर्थन देना चाहिए. हालांकि शाम होते-होते सारा मामला ठंडा पड़ गया. प्रदेश प्रभारी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात के बाद पार्टी में किसी तरह की नराजगी से इंकार कर दिया.
मंगलवार को पार्टी कार्यालय पहुंचे कांग्रेस विधायकों ने कहा कि झामुमो के एकतरफा फैसले से कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावना को ठेस पहुंची है. पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी का अपमान हुआ है. वहीं, गठबंधन में शामिल होने के बाद भी सरकार में उनकी नहीं सुनी जा रही है. कोई काम नहीं हो रहा है. विधायकों को क्षेत्र में जनता के आक्रोश का सामना कर पड़ रहा है.
सरकार में शामिल होने के कारण सरकार के खिलाफ जनता के बीच अपनी बात नहीं रख पा रहे हैं. एेसे में कांग्रेस पार्टी को हेमंत सरकार को बाहर से समर्थन देना चाहिए. कांग्रेस विधायकों ने यह बातें मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय के साथ वन-टू-वन मुलाकात के दौरान कही.
विधायकों के आक्रोश को देखते हुए अविनाश पांडेय ने विधायक दल की बैठक को स्थगित करते हुए सभी से अलग-अलग बात की. श्री पांडेय ने पार्टी के चारों मंत्रियों के साथ बैठक कर उनकी बातें सुनी. इसके बाद कांग्रेस के विधायकों व समन्वय समिति के सदस्यों के साथ लगभग छह घंटे तक अलग-अलग बात की. बैठक में कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव को छोड़ कर सभी विधायकों ने अपनी बातें रखी.
राज्यसभा चुनाव को लेकर झामुमो द्वारा प्रत्याशी दिये जाने पर कांग्रेस नाराज है. इस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार और राज्यसभा दोनों अलग-अलग चीजें हैं. इस मुद्दे पर अलग-अलग बातें रखी जाती हैं और इस तरह आगे बढ़ा जाता है. सीएम विधानसभा परिसर में राज्यसभा प्रत्याशी महुआ माजी के नामांकन के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जिन बातों पर संशय व्यक्त किया जा रहा है, जल्द ही उसका जवाब मिल जायेगा. उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव में दो प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं. इसके चुनाव परिणाम में राज्य के जनमानस के बीच कई संदेश पूरे राज्य में फैलेंगे.
मंगलवार शाम 6.10 बजे प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडेय ने कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास में सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात की. बैठक में मंत्री आलमगीर आलम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर शामिल थे. बैठक के बाद मीडिया से श्री पांडेय ने कहा कि प्रत्याशी दिये जाने को लेकर कोई नाराजगी नहीं है. नाराजगी की बातें मीडिया की उपज है.
उन्होंने कहा कि पार्टी की कुछ जिम्मेवारी होती है और संख्या एक महत्वपूर्ण चीज है. झामुमो के पास संख्या है इसलिए उन्होंने प्रत्याशी की घोषणा की है. हमारी शुभकामनाएं उनके साथ हैं. नामांकन के समय कांग्रेस विधायकों के नहीं रहने पर कहा कि हमारी बैठक चल रही थी, इसलिए वहां नहीं जा सके.
झामुमो के फैसले से तय माना जा रहा है कि पर्दे के पीछे एक और गठबंधन काम कर रहा है. गठबंधन धर्म निभाना सिर्फ कांग्रेस की जिम्मेवारी नहीं है.
दीपिका पांडेय, विधायक
जब सरकार में रहते काम नहीं होता है, तो दुख होता है. गठबंधन सरकार में बातें रखी जा रही है, लेकिन कोई हल नहीं निकल रहा है.
नमन कोंगाड़ी, विधायक
झामुमो ने वचन कुछ और दिया था और निर्णय कुछ और ले लिया. इससे हम लोगों का दिल टूटा है. कांग्रेस के सभी विधायक नाराज हैं.
अंबा प्रसाद, विधायक
हेमंत सोरेन ने सोनिया गांधी का अपमान किया है. गठबंधन में गांठ हो गयी है. झामुमो को बड़ा दिल दिखाना चाहिए था.
इरफान अंसारी, विधायक
हम गठबंधन की सरकार चलाने के पक्षधर हैं. गठबंधन की सरकार चलनी भी चाहिए, लेकिन पार्टी की गरिमा का ध्यान रखना होगा.
राजेश कच्छप, विधायक
Posted By: Sameer Oraon