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Hardik Pandya: एक लापरवाह युवा से जिम्मेदार कप्तान बनने तक का सफर, धोनी से हो क्यों हो रही तूलना

महेंद्र सिंह धोनी की तरह शांतचित्त होकर कप्तानी करने वाले हार्दिक को जब गुजरात का कप्तान बनाया गया तो क्रिकेट पंडितों ने टीम को मैदान पर उतरने से पहले ही दौड़ से बाहर मान लिया था. लेकिन हार्दिक ने हार नहीं मानी थी और मोर्चे से अगुवाई करते हुए 487 रन बनाने के साथ आठ विकेट भी लिये.

आईपीएल 2022 (IPL 2022) हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) और गुजरात टाइटंस के शानदार प्रदर्शन के लिए हमेशा याद रखा जाएगा. पांड्या ने अपने ऑलराउंडर प्रदर्शन से न केवल टीम को पहली बार में ही चैंपियन बनाया, बल्कि कूल कप्तानी से लोगों का दिल भी जीत लिया. अब पांड्या की तूलना आईपीएल के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से होने लगी है.

धोनी की तरह कूल कप्तानी से पांड्या ने अपनी अलग छाप छोड़ी

फाइनल मैच खत्म होने के चंद पलों बाद ही हार्दिक पांड्या आईपीएल की ट्रॉफी को यूं प्यार से सहेजते नजर आये मानों कोई पिता अपने बच्चे से लाड़ कर रहा हो. आखिर उनकी कड़ी मेहनत का ही फल था कि गुजरात टाइटंस अपने पहले ही सत्र में इस लोक लुभावनी लीग की विजेता बनी.

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हार्दिक पांड्या : एक लापरवाह युवा से जिम्मेदार कप्तान बनने तक का सफर

हार्दिक को उनकी पत्नी नताशा ने गले लगाया मानों विश्वास दिला रही हो कि बुरे दौर में उनके पीछे खड़ा रहने वाला परिवार अच्छे दिनों में भी उसी तरह उनके साथ है । अपने हरफनमौला प्रदर्शन से फाइनल में टीम को जीत दिलाने वाले हार्दिक ने कहा , मैं प्यार पर ही जीता हूं जो मुझे अपने परिवार से भरपूर मिलता है. चमकीले जैकेट और कान में हीरे के टॉप्स पहनने वाले हार्दिक शुरुआती दिनों में ग्लैमर में डूबे युवा की तरह नजर आते थे लेकिन एक लापरवाह युवा से जिम्मेदार कप्तान बनने तक का उनका सफर उनके जीवट की कहानी कहता है.

हार्दिक पांड्या ने अपने परिवार को बताया अपनी ताकत

पत्नी नताशा, बेटा अगस्त्य, भाई कृणाल और वैभव , भाभी पंखुड़ी उनकी ढाल की तरह रहे हैं. हार्दिक ने कहा , नताशा काफी भावुक है और मुझे अच्छा करते देख बहुत खुश हो जाती है. उसने मेरे कैरियर में काफी उतार चढ़ाव देखें हैं और उसे पता है कि मैने कितनी मेहनत की है. उन्होंने कहा, मेरा परिवार मेरी ताकत रहा है. मेरा भाई कृणाल, भाभी पंखुड़ी, दूसरा भाई वैभव. इन सभी नहीं कठिन दौर में भी मुझे मानसिक सकून दिया. मैंने फोन किया तो भाई और भाभी दोनों रो पड़े. ये खुशी के आंसू थे. मुझे पता है कि जब तक ऐसे लोग मेरे पीछे हैं, मैं अच्छा खेल सकता हूं.

हार्दिक ने क्रिकेट पंडितों की भविष्यवाणी को गलत साबित किया

महेंद्र सिंह धोनी की तरह शांतचित्त होकर कप्तानी करने वाले हार्दिक को जब गुजरात का कप्तान बनाया गया तो क्रिकेट पंडितों ने टीम को मैदान पर उतरने से पहले ही दौड़ से बाहर मान लिया था. लेकिन हार्दिक ने हार नहीं मानी थी और मोर्चे से अगुवाई करते हुए 487 रन बनाने के साथ आठ विकेट भी लिये.

हार्दिक पांड्या ने खिताब को बताया बेहद खास

अपने छह बरस के अंतरराष्ट्रीय कैरियर में हार्दिक चैम्पियंस ट्रॉफी 2017 फाइनल खेल चुके हैं और टी20 विश्व कप 2016 तथा वनडे विश्व कप 2019 सेमीफाइनल में पहुंच चुके हैं. नौ जून को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शृंखला के लिये वह नीली जर्सी में वापसी करेंगे और उनका लक्ष्य विश्व कप खिताब जीतना है. हार्दिक ने कहा , भारत के लिये विश्व कप जीतना सपना है. मैं हमेशा से टीम को पहले रखता आया हूं और लक्ष्य टीम को आईसीसी खिताब दिलाना है. इससे पहले चार बार मुंबई इंडियंस के साथ आईपीएल खिताब जीत चुके हार्दिक ने गुजरात टाइटंस के साथ मिली कामयाबी को खास बताया. उन्होंने कहा , यह खिताब खास है क्योंकि मैने बतौर कप्तान जीता है. इससे पहले 2015, 2017, 2019 और 2020 में मिले खिताब भी खास थे. मैं खुशकिस्मत हूं कि पांच बार आईपीएल खिताब जीता लेकिन इस बार के खिताब से इतिहास बना है. हमें एक लाख दस हजार लोगों का मैदान पर समर्थन मिला और अपनी कड़ी मेहनत का फल भी.

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