पटना. गांधी सेतु का पूर्वी लेन बनकर तैयार हो चुका है. सात जून को इसके उद्घाटन की तैयारी चल रही है. 20 महीना में पूर्वी लेन का निर्माण पूरा हुआ है और इस पर लगभग 700 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. एक अक्तूबर 2020 को इसका निर्माण शुरू हुआ जो पिचिंग और पेंटिंग पूरा होने के साथ ही शनिवार को सौ फीसदी पूरा हो गया और रविवार से उद्घाटन की तैयारी भी शुरू हो गयी है.
आठ वर्ष पहले मई 2014 में पुल के पुनर्निर्माण की योजना बनी थी. इस पर 1782 करोड़ रुपये खर्च होने थे. इसमें 1382 करोड़ रुपये पुल के सुपरस्ट्रक्चर के पुनर्निर्माण पर खर्च होना था. इससे पुराने कंक्रीट सुपस्ट्रक्चर को इस्पात के सुपर स्ट्रक्चर से बदला जाना था. वर्ष 2016 में पुल का टेंडर जारी हुआ और रुस व भारत के संयुक्त उपक्रम एफकॉन शिवमोस्ट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को इसका काम मिला.
मई 2017 में पुल के पश्चिमी लेन का निर्माण शुरू हुआ और जुलाई 2020 में इसे वाहनों के आने-जाने के लिए खोला गया. उसके बाद पूर्वी लेन को बंद कर एक अक्तूबर 2020 से इसका पुनर्निर्माण शुरू हुआ. अब जाकर दोनों लेन तैयार हो चुका है. करीब 24 वर्षों के बाद इस पुल पर दोनों लेन आवाजाही के लिए उपलब्ध होंगे.
गांधी सेतु के पूर्वी लेन का पुनर्निर्माण पूरा होने और सात जून से इसके चालू होने से वाहनों का उत्तर बिहार आना जाना आसान हो जायेगा. अभी हर दिन उत्तर बिहार आने-जाने वाले लगभग 50 हजार बड़े और छोटे वाहनों को एक ही पश्चिमी लेने सेहोकर आना जाना पड़ता है.
इससे पश्चिमी लेन पर वाहन लोड बहुत अधिक बढ़ गया है जिससे बार-बार वहां जाम लगते रहता है. खासकर किसी वाहन के खराब हो जाने के बाद उसको खींचकर निकालने के लिए घंटों यातायात को रोकना पड़ता है. लेकिन पूर्वी लेन के भी चालू हो जाने से ट्रैफिक लोड दोनों लेन में बंट जायेगा, जिससे आना-जाना आसान हो जायेगा.