पटना. केंद्रीय मंत्री व जदयू नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह उर्फ आरसीपी सिंह ने कहा है कि नीतीश कुमार उनके नेता हैं. उनके नेता ने जो फैसला लिया है वो सोच विचार कर ही लिया होगा. पार्टी और उनके हित में लिया होगा. उनका नीतीश कुमार पर पूरा भरोसा है. आरसीपी ने कहा कि नीतीश कुमार से उनका पिछले 25 वर्षों का रिश्ता है. मैं उनके साथ 1982 से काम कर रहा हूं. आज तक पार्टी में उन्हें जो जिम्मेदारी मिली वो नीतीश कुमार ने ही दी है. इस बार भी नीतीश कुमार का फैसला उन्हें मंजूर है.
नीतीश कुमार पर विश्वास, पीएम मोदी करेंगे मंत्री पद का फैसला, टिकट कटने के बाद पहली बार बोले #RCPSingh pic.twitter.com/pSboagVxnZ
— Rajesh Kumar Ojha (@RajeshK_Ojha) May 30, 2022
आरसीपी सिंह ने कहा कि वो 12 साल राज्य सभा में रहे. उन्होंने हमेशा संगठन के लिए काम किया हैं. उन्होंने पार्टी को बूथ स्तर तक कार्यकर्ता दिये हैं. आज केंद्रीय समिति से बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं से उनका संपर्क है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पार्टी ने उन्हें महासचिव बनाया, सदन में दल का नेता बनाया, राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया और अभी नीतीश कुमार की सहमति से ही केंद्रीय मंत्री बना हुआ हूं. मुझे जो जिम्मेदारी दी गयी, उसे पूरी ईमानदारी से निभाया है.
आरसीपी सिंह ने बिना ललन सिंह का नाम लिये कहा कि उनके अध्यक्ष रहते जदयू में कई प्रकोष्ठ बनाये गये थे, जिससे सामाजिक, भौगोलिक और लैगिंक हिस्सेदारी सुनिश्चित की गयी थी, उसकी संख्या को और बढना था लेकिन कम कर दिया गया है. आरसीपी सिंह ने पार्टी में प्रकोष्ठों को फिर से बहाल करने की मांग की है. पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि अब वो संगठन के लिए और समय देंगे. संगठन जब उन्हें बुलायेगा वो उपस्थित होंगे.
केंद्रीय मंत्रिमंडल में बने रहने पर आरसीपी ने कहा कि उनका राज्यसभा सदस्य के रूप में जुलाई तक कार्यकाल बचा हुआ है. आरसीपी ने कहा, “मेरे नेता नीतीश बाबू कहेंगे तो इस्तीफा दे दूंगा,मैं पीएम मोदी से मिलूंगा और अपनी बात कहूंगा,6 जुलाई तक मेरा कार्यकाल है”. पार्टी ने उन्हें जुलाई तक यह जिम्मेदारी दे रखी है, लेकिन उनके मंत्री बने रहने पर फैसला प्रधानमंत्री मोदी करेंगे. आरसीपी ने कहा कि वो दिल्ली जाने पर प्रधानमंत्री से मिलेंगे और उनसे पूछेंगे कि नयी परिस्थति में उन्हें अब क्या करना है.
एक सवाल के जबाव में आरसीपी सिंह ने कहा कि उनसे किसी को क्या नाराजगी हो सकती है. वो अपने मन में कुछ नहीं रखते हैं. अगर उन्हें पता चलता है कि कोई उनसे नाराज है तो वो उसकी नाराजगी दूर करने का प्रयास करते हैं. आरसीपी सिंह ने राज्यसभा के नामांकन में जाने के सवाल पर कहा कि मैं जाउंगा या नहीं यह क्यों बताउं.
मालूम हो कि रविवार को जदयू ने ये सस्पेंस खत्म करते हुए केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का राज्यसभा से पत्ता काट दिया. उम्मीदवार के नाम की घोषणा होने के बाद आरसीपी सिंह ने पहली बार मीडिया के सामने अपना बयान दिया है. इससे पूर्व कल तक आरसीपी सिंह ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इस बारे में वे कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहते हैं. पार्टी ने वही किया जो उचित था. रविवार को जदयू ने राज्यसभा उम्मीदवार के तौर पर खीरु महतो को उतारा है, जिसके बाद आरसीपी के समर्थकों को बड़ा झटका लगा है.