अमरनाथ यात्रा पर जा रहे श्रद्धालुओं के लिए अब RFID (Radio Frequency Identification) टैग अनिवार्य कर दिया गया है. श्री अमरनाथ साइन बोर्ड ने इसकी जानकारी देते हुए बताया की श्रद्धालु अब आरएफआईडी टैग के बिना अमरनाथ यात्रा नहीं कर सकेंगे. श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर यह निर्णय लिया गया है. वहीं, यात्रियों के साथ-साथ स्थानीय दुकानदारों और नागरिकों को भी टैग लेना अनिवार्य है. घोषणा के बाद हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों ने आरएफआईडी टैग को लिया है.
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अमरनाथ यात्रा में RFID टैग से फायदा यह होगा कि हर पल यात्रियों पर नजर रहेगी. जिससे किसी आतंकी हमले से उनकी सुरक्षा की जा सके. वहीं, आपदा होने पर यात्रियों तक सुरक्षाबलों को पहुंचने में आसानी होगी. बता दे कि अमरनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लापता होने की सूचना मिलती है. जिसके बाद श्री अमरनाथ साइन बोर्ड और प्रशासन ने आरएफआईडी टैग को अनिवार्य किया है.
RFID यानी रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन तकनीकी एक चिप की तरह होती है. जिसका इस्तेमाल ट्रैकिंग के लिए होता है. रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन एक ऐसी तकनीक है जो रेडियो तरंगों की फ्रीक्वेंसी पर आधारित किसी स्थान की पहचान बताने में सहयोग करता है. RFID तकनीक में मुख्य रूप से दो कॉम्पोनेन्ट पाये जाते है जिनमे से एक है RFID टैग, जिसमे जानकारी डालकर स्टोर की जाती है और एक RFID रीडर जो उस इनफार्मेशन को करके रीड करता है.अमरनाथ यात्रा के दौरन भी RFID चिप से यात्रियों को ट्रैक किया जा सकेगा.
RFID 2026 तक 17.4 अरब डॉलर के परियोजना के साथ बाजार में विस्तार कर रहा है. स्वास्थ्य क्षेत्र में RFID का इस्तेमाल मेडिकल रिकोर्ड समेत अन्य रिकोर्ड को ट्रैक करने के लिए किया जाएगा. वहीं, मोटर वाहन उद्योग के क्षेत्र में भी इसका इस्तेमाल जोरों पर किया जाएगा. इस तकनीकी के इस्तेमाल से कंपनी को पैसे और समय दोनों की बचत हो सकेगी.