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बरेली की सपा कमेटी में बदायूं-शाहजहांपुर के पदाधिकारी, सट्टेबाज को पद मिलने से हाईकमान तक पहुंची कलह

Bareilly News: बरेली की सपा कमेटी में बदायूं और शाहजहांपुर के लोगों को पदाधिकारी बनाने से विवाद बढ़ता जा रहा है. इसके आलावा एक सट्टेबाज को पद से नवाजे जाने पर पार्टी की कलह हाईकमान तक पहुंच गई है.

Bareilly News: बरेली में सपा (SP) की जिला कमेटी में कलह लगातार बढ़ती जा रही है. लोकसभा और नगर निकाय चुनाव की तैयारियों के बजाय शिकवे-शिकायतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. बरेली की जिला कमेटी में जिला महासचिव से लेकर उपाध्यक्ष तक बदायूं-शाहजहांपुर के हैं. जिसके चलते एक स्थानीय नेता ने पार्टी के प्रमुख नेता से शिकायत कर विरोध जताया है. कमेटी में एक सट्टेबाज को पद दिया गया है. इसको लेकर भी सवाल उठने लगे हैं.

हालांकि, बदायूं और शाहजहांपुर के यह लोग लंबे समय से बरेली में रह रहे हैं. सपा की जिला कमेटी की घोषणा 12 मई को हुई थी. इसमें जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दोबारा भरोसा जताया था. मगर, जिला महासचिव सत्येंद्र यादव की जगह योगेश यादव को बनाया गया. जिले के एक बड़े नेता ने सपा हाईकमान से मुलाकात कर सपा महासचिव को बदायूं निवासी बताया है. उनका कहना है कि जिला महासचिव कैंट के पास एक गांव में अपनी ननिहाल में रह रहे हैं. वह बदायू के एक गांव के हैं, जबकि पुराने पूर्व महासचिव को पार्टी का बफादार बताया गया है. वह बरेली के ही रहने वाले हैं. इसके बाद भी हटाया गया. पूर्व जिला महासचिव की काफी तारीफ की गई.

हालांकि, योगेश यादव लंबे समय से बरेली में रह रहे हैं. उनकी पढ़ाई भी बरेली में हुई है.जिला उपाध्यक्ष प्रदीप मौर्य और संजीव यादव भी बदायूं जनपद के हैं. संजीव यादव की पत्नी टीचर हैं. वह भी लंबे समय से नैनीताल रोड की एक कॉलोनी में रहते हैं. उनके पिता सरकारी नौकरी में थे, जिसके चलते उनकी पढ़ाई भी बरेली में हुई. वह सपा कमेटी में जिला महासचिव रह चुके हैं. जिला उपाध्यक्ष ब्रजेश श्रीवास्तव शाहजहांपुर के जलालाबाद तहसील के एक गांव के हैं.व ह भी पढ़ाई करने बरेली आएं थे.

इसके बाद बदायूं रोड पर ही बस गए. मगर, अब पीलीभीत बाईपास की एक नामचीन कालोनी के फ्लैट में रहते हैं. वह भी पार्टी के फ्रेंटल संग़ठन के पदों पर रह चुके हैं. जिला उपाध्यक्ष प्रमोद बिष्ट भी उत्तराखंड के हैं. उनको पिछले दिनों उत्तराखंड के कुछ जिलों का जिम्मा दिया गया था. वह भी काफी समय से बरेली में रह रहे हैं. वह जिला कमेटी में जिला महासचिव भी रह चुके हैं. उत्तराखंड समाज की एक कमेटी में प्रमुख पद पर भी हैं.

शिव प्रताप सिंह यादव मैनपुरी जनपद के हैं. उनको जिला सचिव बनाया गया है. हालांकि, वह एमजेपी रुहेलखंड यूनिवर्सिटी में छात्र नेता रह चुके हैं. जिला कमेटी में आठ उपाध्यक्ष में से तीन उपाध्यक्ष दूसरे जिलों के हैं. 14 जिला सचिव में दो सचिव मैनपुरी और शाहजहांपुर के हैं.शिकायत के दौरान बरेली में सपा की गुटबाजी के लिए एक कर्मचारी को जिम्मेदार बताया गया है.

सट्टेबाज को दिया पद

सपा कमेटी में एक क्रिमिनल को भी पद मिला है. उनके घर से सट्टा पकड़ा गया था. इसके साथ ही शहर के थानों में दर्जन भर से अधिक मुकदमें दर्ज हैं. बताया जा रहा है, वह संगठन के प्रमुख नेता की समय-समय पर दावत करते हैं. इसलिए उनका कद बढ़ाया गया है.

दागियों को बांट दिए पद

सपा कमेटी में पार्टी के एक सांसद के खिलाफ टिप्पणी करने वाले के भाई को भी जिला उपाध्यक्ष बनाया था. उनका परिवार भाजपा में होने की भी एक नेता ने सपा प्रमुख से शिकायत की थी. इसके बाद उन्हें पदमुक्त किया गया. इसके साथ ही शाहजहांपुर रोड के संजीव यादव को जिला उपाध्यक्ष से हटाकर सचिव, फिर इसके बाद कार्यकारिणी सदस्य बनाया गया है.

जिला महासचिव ने सभी आरोपों को बताया निराधार

बरेली के जिला महासचिव योगेश यादव ने कहा कि, जिनको बाहरी बताया जा रहा है. वह सभी लोग पहले भी पार्टी के प्रमुख पदों पर रह चुके हैं. मैं काफी समय से बरेली में रहकर पार्टी के लिए कार्य कर रहा हूं. आरोप निराधार हैं.

रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद

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