India’s New Education Policy : झारखंड के विश्वविद्यालयों में नयी शिक्षा नीति लागू करने की प्रक्रिया चल रही है. यह तैयारी उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग के साथ-साथ सभी विश्वविद्यालय अपने-अपने स्तर पर कर भी रहे हैं. नयी शिक्षा नीति को लागू करने की प्रक्रिया विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय ने स्नातक स्तर पर की है. इसके अतिरिक्त कोल्हान यूनिवर्सिटी में भी इसे लागू करने की प्रक्रिया चल रही है. कुछ दिनों पहले उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग ने रांची विश्वविद्यालय के साथ मिल कर एक सेमिनार आयोजित किया. इसी सेमिनार के बाद राज्य में नयी शिक्षा नीति को कैसे लागू करने के लिए कमिटी बनी. इस कमिटी की अब तक तीन बैठक हो चुकी है. जल्द ही कमिटी की सिफारिश को सार्वजनिक किया जाएगा.
बताते चलें कि राज्य के उच्च शिक्षा में नयी शिक्षा नीति को लागू करने के लिए एक कमिटी बनायी गयी है. बीआईटी मेसरा के कुलपति डॉ इंद्रनील मन्ना को इसका संयोजक बनाया गया है. इसके अतिरिक्त रांची विवि की प्रभारी कुलपति डॉ कामिनी कुमार को सह संयोजक बनाया गया है. इस कमिटी में डॉ विजय कुमार सिंह, डॉ विजय पांडेय, डॉ पीपी चट्टोपाध्याय, डॉ मनोज कुमार, डॉ सिस्टर ज्योति, डॉ फा. नबोर लकड़ा, डॉ आरके शर्मा, डॉ राजेश कुमार सिंह, डॉ शंभु दयाल सिंह, डॉ विभा पांडेय, डॉ हेमेंद्र कुमार भगत हैं. इनके अलावा किमटी में उच्च शिक्षा निदेशालय, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक और तकनीकी शिक्षा निदेशालय, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक को बतौर समिति सदस्य शामिल किया गया है.
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बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय में इसी साल से नयी शिक्षा नीति लागू करने की कवायद चल रही है. विश्वविद्यालय की नयी शिक्षा नीति सेल रेगुलेशन और सिलेबस बनाने में लगी हुई है. फिलहाल स्नातक स्तर पर इसी साल से नयी शिक्षा नीति लागू होगी. अब यहां स्नातक चार साल का होगा. यह निर्णय विवि के कुलपति डॉ मुकुल नारायण देव की अध्यक्षता में अप्रैल में हुई न्यू एजुकेशन सेल की बैठक में लिया गया. बैठक में निर्णय लिया गया है कि अब स्नातक का सत्र 2022-25 के बजाय 2022-26 कहलाएगा. इसी बैठक के बाद कुलपति की ओर से सभी डीन व एचओडी को अपने-अपने विभाग से संबंधित अच्छे वोकेशनल कोर्स का प्रस्ताव देने को कहा गया है.
नयी शिक्षा नीति के तहत ही जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज में अब चार वर्षीय बीएड की पढ़ाई होगी. इसके लिए कागजी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. यूजीसी ने इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स शुरू करने के लिए कॉलेज प्रबंधन से आवेदन करने को कहा है. कॉलेज प्रबंधन जल्द ही प्रस्ताव तैयार कर यूजीसी को भेजेगा. चार साल के आईटीईपी की शुरुआत एकेडमिक सेशन 2022-23 से होगी. यह नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत टीचर एजुकेशन से संबंधित किये गये प्रमुख प्रावधानों में से एक है. इन कोर्स में दाखिले के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) नेशनल कॉमन इंट्रेस टेस्ट (एनसीइटी) आयोजित करेगा. इसके मेरिट स्कोर के आधार पर सीट मिलेगी.