Indigo Airline Fined: नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इंडिगो एयरलाइन कंपनी पर 5 लाख का जुर्माना लगाया है. कंपनी पर यह जुर्माना रांची एयरपोर्ट पर एक विशेष बच्चे के मामले को पर्याप्त रूप से संभालने में विफल रहने के लिए लगाया गया है. डीजीसीए की ओर से इस संबंध में एक बयान जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि इंडिगो ग्राउंड स्टाफ द्वारा विशेष बच्चे को संभालने में कमी थी और अनावश्यक विवाद को बढ़ाया गया.
डीजीसीए ने कहा है कि अधिक करुणामय व्यवहार से बच्चे को समझाया बुझाया जा सकता था. इस तरह के हालात से बचा भी जा सकता था. डीजीसीए ने कहा कि विशेष परिस्थितियों में असाधारण प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है. हालांकि, एयरलाइन कर्मचारी इस अवसर पर उठने में विफल रहे और इस प्रक्रिया में नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं विनियमों के पालन में चूक हुई. इसे देखते हुए डीजीसीए में सक्षम प्राधिकारी ने रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया है.
वहीं, इंडिगो एयरलाइन की ओर से इसका कारण बताया था कि बच्चा विमान में यात्रा करने से घबरा रहा था. इस घटना के सामने आने के बाद जहां विमानन नियामक डीजीसीए ने मामले में जांच करने के निर्देश दिए थे. वहीं, केंद्र सरकार ने भी इस पर संज्ञान लिया था. केंद्रीय नागर उड्डयन एवं विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस पर ट्वीट करते हुए कहा था कि पूरी जांच उनकी निगरानी में ही होगी. सिंधिया के सख्त तेवर के बाद एयरलाइन ने मांफी मांगी थी.
इंडिगो के एक प्रबंधक ने 7 मई को रांची एयरपोर्ट पर एक विकलांग बच्चे के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार करने की बात सामने आई थी. घटना का एक चश्मदीद गवाह सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह घटना सामने आई. घटना के समय मौके पर मौजूद एक यात्री के मुताबिक बच्चे को हवाई अड्डे पर कार की सवारी करने में मुश्किल आ रही थी और वो बोर्डिंग गेट पर पहुंचने पर वह काफी तनाव में था. हालांकि, उसके माता-पिता ने कुछ भोजन और प्यार से उसे समझाया बुझाया.
हवाई अड्डे पर तनावग्रस्त बच्चे को उसके माता-पिता ने नियंत्रण में लाया. लेकिन, बोर्डिंग के समय इंडिगो के एक प्रबंधक ने परिवार को चेतावनी दी कि बच्चे को तब तक विमान में चढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक कि बच्चा नॉर्मल व्यवहार नहीं करता. प्रबंधक ने कथित तौर पर यह भी घोषणा की कि विशेष रूप से विकलांग बच्चा अन्य यात्रियों के लिए एक जोखिम है. कई सह-यात्रियों के उसके कदम का विरोध करने के बावजूद, प्रबंधक अडिग रहा.
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