Vat Savitri Vrat 2022 : सोमवार 30 मई को वट सावित्री का व्रत रखा जाएगा. इस व्रत को करने से महिलाओं को सदा सुहागन होने का वरदान प्राप्त होता है और इनके पति को लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य का भी वरदान प्राप्त होता है. इस दिन सोमवार पड़ने की वजह से सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2022) का फल भी व्रत रखने वाली महिलाओं को प्राप्त होगा.
वट सावित्री व्रत के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. यह योग सुबह 07 बजकर 12 मिनट से प्रारंभ होगा, जो कि पूरे दिन रहेगा. इस दिन व्रत करना अति पुण्य फलदायी माना गया है. इस दिन सुकर्मा योग सुबह से लेकर रात 11 बजकर 39 मिनट तक रहेगा.
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – मई 29, 2022 को 02:54 pm बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – मई 30, 2022 को 04:59 pm बजे
वट सावित्री की पूजा में लगने वाली प्रमुख सामग्रियां इस प्रकार है. इसमें सावित्री-सत्यवान की मूर्ति, कच्चा सूता, बांस का पंखा, लाल कलावा, धूप-अगरबत्ती, मिट्टी का दीपक, घी, बरगद का फल, मौसमी फल जैसे आम ,लीची और अन्य फल, रोली, बताशे, फूल, इत्र, सुपारी, सवा मीटर कपड़ा, नारियल, पान, धुर्वा घास, अक्षत, सिंदूर, सुहाग का समान, नगद रुपए और घर पर बने पकवान जैसे पूड़ियां, मालपुए और मिष्ठान जैसी सामग्रियां व्रत सावनत्री पूजा के लिए जरूरी होती हैं.
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इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं
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घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें
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इस पावन दिन वट वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व होता है
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वट वृक्ष के नीचे सावित्रि और सत्यवान की मूर्ति को रखें
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इसके बाद मूर्ति और वृक्ष पर जल अर्पित करें
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इसके बाद सभी पूजन सामग्री अर्पित करें
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लाल कलावा को वृक्ष में सात बार परिक्रमा करते हुए बांध दें
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इस दिन व्रत कथा भी सुनें
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इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें