Railway: बड़हिया रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर हुए आंदोलन के बाद भले ही रेल प्रशासन ने ट्रेनों के रुकने का आश्वासन दिया है. लेकिन, ट्रेनों के रुकने के पहले ही आंदोलनकारियों पर पुलिस ने भारी भरकम केस ठोक दिया है. दिल्ली-हावड़ा मेन लाइन के पटना-मोकामा-किऊल रेलखंड पर करीब 32 घंटे रेल परिचालन बाधित रखने के आरोप में पुलिस ने 24 लोगों को नामजद किया है. जबकि, एक हजार अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है.
दरअसल, बड़हिया में रेलवे ने कई ट्रेनों का ठहराव हटा दिया है. ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर 22 मई को सुबह 10 बजे से 23 मई को शाम पौने छह बजे तक रेल लाइन जाम किया गया था. इसे लेकर रेल सुरक्षा बल किउल के निरीक्षक प्रभारी अरविंद कुमार सिंह की ओर से राजकीय रेल पीपी बड़हिया के थानाध्यक्ष को आंदोलनकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है.
नामजद आरोपी बनाये गये आंदोलनकारियों में मनोरंजन सिंह, अंजनी सिंह, राहुल सिंह, राजेश कुमार, मनोज ठाकुर, संजीव कुमार, संजय कुमार, सुजीत कुमार, गौतम सिंह, राजीव कुमार, महेश्वरी सिंह, शिवदानी सिंह, छोटे सिंह, रामस्वार्थ सिंह, रंजन कुमार, राजेश कुमार, गंगा प्रसाद दास, जागेश्वर साव, प्रेमशंकर सिंह, सुधीर कुमार, चंदन कुमार, अमन कुमार पांडेय, गोपाल सिंह, संजीव कुमार के नाम शामिल हैं.
इसके अलावा एक हजार अज्ञात समर्थकों के आंदोलन करने और रेल लाइन जाम करने तथा पाटलिपुत्र एक्सप्रेस को रोकने की बात कही गयी है. 24 नामजद और एक हजार अज्ञात पर के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. गौरतलब है कि ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर बड़हिया में आंदोलनकारियों को बड़ी जीत मिली है. रेल प्रशासन ने आंदोलनकारियों की मांगों को मानते हुए पाटलिपुत्र एक्सप्रेस का ठहराव 15 दिनों में सुनिश्चित करने और शेष ट्रेनों के लिए दो महीने का समय लिया है.
लखीसराय जिलाधिकारी संजय कुमार और पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर मंडल के एडीआरएम के नेतृत्व में रेल प्रशासन की टीम ने आंदोलन में शामिल लोगों से बात की. उन्हें ठोस आश्वासन देने के बाद आंदोलन समाप्त करने का निर्णय लिया गया. आंदोलन के कारण दिल्ली-हावड़ा मेन लाइन के पटना-मोकामा-किऊल रेलखंड पर करीब 32 घंटे रेल परिचालन बंद रहा था. रेल प्रशासन ने लिखित रूप से 60 दिन में यहां सभी ट्रेनों के ठहराव का आश्वासन दिया है.