कैंब्रिज : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हिंदू राष्ट्रवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत का एक ऐसा दृष्टिकोण बना रहे हैं, जो देश के सभी हिस्सों की आबादी को शामिल नहीं करता है, जो अनुचित है और भारत के विचार के खिलाफ है. वहीं, उन्होंने यह भी कहा कि आपको यह बताने के लिए मैंने हिंदू धर्म का विस्तार से अध्ययन किया है. लोगों की हत्या करना और उन्हें पीटना ‘हिंदू’ होना नहीं है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और प्रधानमंत्री को लेकर मेरी समस्या यह है कि वे भारत के मूलभूत ढांचे के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.
बोलने की इजाजत देने वाली संस्था पर सुनियोजित हमला
केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि भारत में बोलने की इजाजत देने वाली संस्था पर सुनियोजित तरीके से हमला किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बातचीत को बाधित किए जाने के कारण सरकार की नीतियों को गोपनीय तरीके से प्रभावित या नियंत्रित करने वाले प्रभावशाली लोग या एजेंसियां देश में संवाद को नए तरीके से परिभाषित कर रहे हैं. प्रतिष्ठित ‘कैंब्रिज विश्वविद्यालय’ के ‘कॉर्पस क्रिस्टी कॉलेज’ में सोमवार शाम आयोजित ‘इंडिया एट 75′ कार्यक्रम में राहुल ने छात्रों, विशेषकर भारतीय मूल के छात्रों के सवालों का जवाब दिया. उन्होंने हिंदू राष्ट्रवाद और कांग्रेस पार्टी में गांधी परिवार की भूमिका और देश के लोगों को संगठित करने के प्रयासों जैसे व्यापक विषयों पर अपनी राय साझा की.
हिंदू राष्ट्रवाद पर रखी अपनी बात
कैंब्रिज विश्वविद्यालय में भारतीय मूल की शिक्षाविद डॉ श्रुति कपिला के साथ बातचीत में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हिंदू राष्ट्रवाद पर उन सभी बिंदुओं को दोहराया, जिनका जिक्र उन्होंने पिछले सप्ताह एक सम्मेलन के दौरान किया था. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने भारतीय राजनीति पर सरकारी नीतियों को कथित तौर पर गोपनीय तरीके से प्रभावित या नियंत्रित करने वाले प्रभावशाली लोगों या एजेंसियों के प्रभाव का भी उल्लेख किया.
संसद, चुनाव प्रणाली और लोकतंत्र की बुनियादी संरचना पर कब्जा
राहुल गांधी ने कहा कि हमारे लिए भारत तब ‘जीवंत’ होता है, जब भारत बोलता है और जब भारत चुप हो जाता है, तब यह ‘बेजान’ हो जाता है. मैं देखता हूं कि भारत को बोलने की अनुमति देने वाली संस्थाओं पर हमला किया जा रहा है. संसद, चुनाव प्रणाली, लोकतंत्र की बुनियादी संरचना पर एक संगठन द्वारा कब्जा किया जा रहा है. राहुल ने कहा कि बातचीत को बाधित किए जाने के कारण सरकारी नीतियों को गोपनीय तरीके से प्रभावित या नियंत्रित करने वाले प्रभावशाली लोग या एजेंसियां इन रिक्त स्थानों में प्रवेश कर रही हैं और देश में संवाद को नए तरीके से परिभाषित कर रही हैं.
राहुल ने छात्रों से की बातचीत
लेक्चर थियेटर के बाहर छात्रों का एक छोटा समूह तख्तियां थामे खड़ा था, जिन पर लिखा था कि राहुल गांधी खनन पर अपना वादा निभाएं, जो छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के संदर्भ में था. इस मुद्दे पर राहुल ने कहा था कि वह पार्टी के भीतर इस पर काम कर रहे हैं. कांग्रेस नेता ने कई अन्य विषयों पर छात्रों के साथ बात की, जिसमें भारत को एक राष्ट्र के बजाय ‘राज्यों के संघ’ के रूप में परिभाषित करने पर उनका दृष्टिकोण भी शामिल था. उन्होंने कहा कि यह एक ‘सुंदर विचार’ है, जो प्रत्येक राज्य के लोगों को उनका सही स्थान देता है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह भारतीयों के दिलों तक पहुंचता है.’
भारत के विचार के खिलाफ दृष्टिकोण बना रहे पीएम मोदी
संवाद सत्र के दौरान, राहुल ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत का एक ऐसा दृष्टिकोण बना रहे हैं, जो देश के सभी हिस्सों की आबादी को शामिल नहीं करता है, जो अनुचित है और भारत के विचार के खिलाफ है. उन्होंने भारत में धर्मनिरपेक्षता से जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा, ‘मुझे समस्या तब होती है, जब भारत को लेकर किसी के दृष्टिकोण में लोगों को बाहर कर दिया जाता है. मुझे इससे ऐतराज नहीं है कि किसे बाहर रखा जा रहा है, बल्कि मुझे समस्या इस बात से है कि लोगों को बाहर करने में जबरदस्त ऊर्जा खर्च की जा रही है, जो अनुचित है. मुझे समस्या इस बात से भी है कि यह वास्तविक भारत नहीं है.’
धन के केंद्रीकरण के खिलाफ कांग्रेस की लड़ाई
राहुल ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह धर्मनिरपेक्षता से परे है. आपको सहानुभूति और संवेदनशीलता के साथ हर एक व्यक्ति को शामिल करना होगा. प्रधानमंत्री मोदी भारत को लेकर ऐसा नजरिया बना रहे हैं, जहां वह हमारी आबादी के एक बड़े हिस्से को छोड़ रहे हैं. यह भारत का दृष्टिकोण नहीं है, यह भारत के सिर्फ एक हिस्से का दृष्टिकोण है.’ कांग्रेस नेता ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी की लड़ाई धन के बड़े पैमाने पर केंद्रीकरण और मीडिया सहित देश के भीतर अन्य संस्थानों पर कब्जा करने के खिलाफ है.
भारतीय मीडिया पर कब्जा
उन्होंने कहा कि आप भारतीय मीडिया में कहीं भी 30 सेकंड से अधिक इस बात को नहीं देख पाएंगे. इसका कारण भारतीय मीडिया पर कब्जा है. भारतीय मीडिया को सरकार का समर्थन करने वाले कुछ बड़े उद्योगपति नियंत्रित कर रहे हैं. इसलिए हम एक राजनीतिक दल से नहीं लड़ रहे हैं, हम भारत राष्ट्र पर कब्जा करने वालों के खिलाफ लड़ रहे हैं और यह आसान नहीं है. इसमें समय लगेगा. यह मुश्किल होने वाला है, लेकिन हम कोशिशें जारी रख रहे हैं.’
हिंदू धर्म का विस्तार से किया अध्ययन
यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस ‘हिंदू राष्ट्रवाद’ की विचारधारा से लड़ने की योजना कैसे बना रही है, राहुल ने कहा कि वह इस शब्द से सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इसमें ‘हिंदू’ जैसा कुछ नहीं है और वास्तव में इसमें कुछ भी राष्ट्रवादी नहीं है. मुझे लगता है कि आपको उनके लिए एक नया नाम सोचना होगा, लेकिन वे निश्चित रूप से ‘हिंदू’ नहीं हैं. आपको यह बताने के लिए मैंने हिंदू धर्म का विस्तार से अध्ययन किया है. लोगों की हत्या करना और उन्हें पीटना ‘हिंदू’ होना नहीं है.’
भारत के मूलभूत ढांच से खिलवाड़ कर रहे पीएम मोदी और संघ
राहुल ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और प्रधानमंत्री को लेकर मेरी समस्या यह है कि वे भारत के मूलभूत ढांचे के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. जब आप ध्रुवीकरण की राजनीति करते हैं, जब आप 20 करोड़ लोगों को अलग-थलग करते हैं, तो आप कुछ बेहद खतरनाक कर रहे हैं और आप कुछ ऐसा कर रहे हैं, जो मूल रूप से भारत के विचार के खिलाफ है.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे यकीन है कि प्रधानमंत्री ने अच्छी चीजें की हैं, लेकिन मुझे भारत के विचार पर हमला करना अस्वीकार्य है.’
भाषा इनपुट