पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना को लेकर सर्वदलीय बैठक की तारीख तय कर दी है. इस बैठक में शामिल होने के लिए विभिन्न पार्टियों के नेताओं को फ़ोन किया जा रहा है. पिछले कई महीनों से जातीय जनगणना के मुद्दे पर राजद नेता तेजस्वी यादव समेत कई नेताओं ने नीतीश कुमार से सर्वदलीय बैठक की मांग करते आ रहे हैं. अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सर्वदलीय बैठक की तारीख तय कर ली है. बताया जा रहा है कि यह बैठक 27 मई को संभावित है.
जातीय जनगणना के मुद्दे पर बिहार में जदयू और राजद की सोच एक रही है. यही कारण रहा कि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचे थे. सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने अपनी बात प्रधानमंत्री के सामने रखी थी. केंद्र सरकार से जातिगत जनगणना कराने की मांग की थी, लेकिन केंद्र सरकार ने साफ-साफ जातिगत जनगणना कराने से इनकार कर दिया.
केंद्र ने कहा कि अगर कोई राज्य अपने स्तर पर यह कराना चाहता है तो वह इसके लिए स्वतंत्र है. उसके बाद नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा में कहा कि वह राज्य सरकार के तरफ से कोशिश करेंगे कि जातिगत जनगणना करायी जायी. इसके लिए सभी राजनीतिक दलों उसके साथ विचार विमर्श किया जाएगा. हालांकि इसके बाद बिहार भाजपा की ओर से इस मुद्दे पर मुखर विरोध शुरु हो गया.
नीतीश कुमार की घोषणा के करीब 8 महीने बाद जातिगत जनगणना को लेकर कोई बैठक बिहार में हो रही है. इस दौरान तेजस्वी यादव कई बार नीतीश कुमार के ऊपर सीधे तौर पर हमलावर रहे. तेजस्वी यादव ने कहा था कि मेरी शादी भी हो चुकी है, लेकिन जातिगत जनगणना की तारीख तय नहीं हुई. उसके बाद तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के सामने अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि अगर राज्य सरकार जातिगत जनगणना के नहीं कराती है या उसके लिए कोई बैठक नहीं करती है, तो वह पटना से दिल्ली तक पैदल मार्च करेंगे.