Lucknow News: समाजवादी पार्टी के विधायकों की बैठक में कल यानी सोमवार से शुरू होने वाले बजट सत्र में यूपी की योगी सरकार को घेरने की योजना बनाई गई है. लखनऊ स्थित सपा कार्यालय में विधानमंडल दल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. बैठक की अध्यक्षता सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं नेता विरोधी दल विधानसभा अखिलेश यादव ने की. विधायक दल की बैठक में कम से कम 35 दिनों तक सत्र को चलाने की मांग की गई है. इसका कारण बताते हुए कहा गया है कि 5 या 6 दिन के सत्र में आम जनता के मुद्दों पर चर्चा नहीं हो सकेगी. ऐसे में बजट सत्र लंबा चलना चाहिए ताकि विस्तार से बजट पर चर्चा हो सके.
Also Read: आजम खां की सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से नाराजगी हुई जगजाहिर, विधायकों की बैठक से नदारद
समाजवादी पार्टी के विधायक दल की बैठक में गरीबों के उत्पीड़न, महिलाओं एवं बच्चियों के साथ दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं, फर्जी एनकाउंटर और हिरासत में मौतों के अलावा बेलगाम महंगाई, राशन कार्डों की वापसी, किसान सम्मान राशि की वसूली, बढ़ते विद्युत संकट, स्वास्थ्य-शिक्षा क्षेत्र की बदहाली, गेहूं खरीद घोटाला, भर्ती में घोटाला एवं बेरोजगारी तथा राज्य में भय के वातावरण पर विशेष चर्चा करने का निर्णय लिया गया. इस अवसर पर यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राज में प्रदेश हर क्षेत्र में पिछड़ता चला गया है. भाजपा के सभी वादे झूठे निकले हैं. भाजपा सरकार ने बिजली का बिल आधा करने का वादा किया जिसके बदले बिजली आपूर्ति ही आधी रह गई है. फिक्सरेट पर बुनकरों को बिजली देने का काम समाजवादी सरकार ने किया था भाजपा उनके साथ अन्याय कर रही है.
Also Read: सपा से नाराजगी कायम रहेगी या बनाएंगे अपना दल, जेल से रिहाई के बाद आजम खां के फैसले पर सबकी निगाह
उन्होंने कहा कि गरीबों के घरों को बुलडोजर से तोड़ा जा रहा है. निर्दोषों को झूठे केसों में फंसाया जा रहा है. भाजपा सरकार विपक्षी दलों विशेष कर समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं नेताओं को विधानसभा चुनाव के बाद फर्जी मुकदमें लगाकर परेशान कर रही है. अखिलेश यादव ने कहा कि किसानों की फसल अन्ना पशु चर रहे हैं. किसानों से सम्मान राशि वापस ली जा रही है. गोशालाओं में लूट मची है. करोड़ों की बेकार दवाएं कूडे़ के ढेर में पड़ी है. मरीज इलाज के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर है. पीपीपी मॉडल पूरी तरह विफल साबित हुआ है. बीते पांच साल में भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार को ही बढ़ावा दिया है. समाजवादी सरकार के कामों को अपना बताने के अलावा भाजपा सरकार ने कुछ नहीं किया है. उसने सिर्फ नाम बदलने और अपने नाम के पत्थर लगाने को ही विकास समझा है.