पटना. अपनी जमीन देकर रेलवे में नौकरी पाने वाले रेलकर्मियों पर निलंबन की तलवार लटक रही है. अगर दोष साबित हुआ तो इनकी नौकरी से बरखास्तगी भी संभव है. नौकरी बदले जमीन लेने के मामले में सीबीआई ने जो नया मामला दर्ज किया है उसमें सिर्फ लालू परिवार ही नहीं, बल्कि वे लोग भी आरोपित बनाये गये हैं, जिन्होंने जमीन देकर रेलवे में नौकरी हासिल की है. बताया जा रहा है कि इस मामले में सीबीआइ को छापेमारी के दौरान अहम सुराग हाथ लगे हैं. ऐसे में संभावना जतायी जा रही है कि सीबीआइ की जांच के बाद अवैध तरीके से रेलवे में नौकरी पाने वाले लोगों की नौकरी पाने वाले लोगों पर गाज गिर सकती है. उनका निलंबन हो सकता है या उनकी नौकरी भी जा सकती है.
सीबीआई ने जमीन के एवज में नौकरी पाने वाले 12 लोगों को अब तक अभियुक्त बनाया है. सीबीआइ ने नये केस में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव के साथ-साथ जमीन देकर रेलवे में अवैध तरीके से नौकरी लेने वाले 12 लोगों को भी अभियुक्त बनाया है. इन 12 लोगों में पटना के घनौत निवासी राजकुमार सिंह, मिथिलेश कुमार, अजय कुमार, संजय राय, धर्मेंद्र राय, विकास कुमार, पिंटू कुमार, दिलचंद कुमार, प्रेमचंद कुमार, लाल चंद कुमार, पटना के ही बिहटा निवासी अभिषेक कुमार और गोपालगंज के मीरगंज निवासी ह्दयानंद चौधरी शामिल हैं.
लालू परिवार को जमीन देकर रेलवे में नौकरी पाने वालों खिलाफ सीबीआइ जल्द ही शिकंजा कसने वाली है. 12 में से 7 अभियुक्तों ने करीब एक लाख वर्गफुट से अधिक जमीन लालू परिवार को दी है, जो पूर्व सीएम राबड़ी देवी एवं उनकी दो बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर भी हैं. छापेमारी के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर सीबीआई छानबीन में जुट गयी है.
सीबीआइ की टीम ने शुक्रवार को ही रेलवे भर्ती में गड़बड़ी के मामले में लालू यादव और इस मामले से जुड़े लोगों के 17 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी, जिसमें सीबीआइ के हाथ अहम सुराग लगे हैं. पटना, दिल्ली, गोपालगंज, भोपाल के कई ठिकानों पर सुबह से शुरू हुई छापेमारी देर शाम तक चली. 10 सर्कुलर रोड राबड़ी आवास में देर शाम तक सीबीआइ की टीम लालू परिवार से पूछताछ करती रही.