रांची: राज्य में कक्षा बढ़ने के साथ-साथ प्रति शिक्षक विद्यार्थियों का अनुपात बढ़ता जाता है. राज्य में प्राथमिक कक्षा में जहां 30 छात्र पर एक शिक्षक हैं, वहीं प्लस टू विद्यालयों में 55 छात्र पर एक शिक्षक. प्राथमिक से लेकर प्लस टू स्तर तक में राष्ट्रीय औसत की तुलना में झारखंड में प्रति शिक्षक छात्र की संख्या अधिक हैं. यह खुलासा केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा वर्ष 2020-21 की जारी रिपोर्ट में हुआ है.
इसके अनुसार, झारखंड में कक्षा एक से पांच में 30 छात्र पर एक शिक्षक, कक्षा छह से आठ में 23 छात्र पर एक शिक्षक और कक्षा नौवीं व 10वीं में 33 छात्र पर एक शिक्षक हैं. वहीं कक्षा 11वीं व 12वीं में 55 छात्र पर एक शिक्षक हैं. प्लस टू स्तर पर ओड़िशा और बिहार के बाद एक शिक्षक के अनुपात में सबसे अधिक विद्यार्थी झारखंड में हैं. ओड़िशा में 62 तो बिहार में प्लस टू स्तर पर 60 विद्यार्थी पर एक शिक्षक हैं.
राष्ट्रीय स्तर पर कक्षा एक से पांच में 26 छात्र पर एक, कक्षा छह से आठ में 19 छात्र पर एक, कक्षा नौवीं व 10वीं में 18 छात्र पर एक और कक्षा 11वीं व 12वीं में 26 विद्यार्थी के लिए एक शिक्षक हैं. राज्य में शिक्षकों की कमी पर नीति आयोग ने भी चिंता जतायी है. शिक्षकों के रिक्त पदों पर जल्द नियुक्ति का सुझाव दिया है.
वर्ष 2019-20 में झारखंड की स्थिति : वर्ष 2019-20 में झारखंड में कक्षा एक से पांच तक में 30, छह से आठ में 22, नौवीं व 10वीं में 33 एवं कक्षा 11वीं व 12वीं में 54 विद्यार्थी के लिए एक शिक्षक थे.
स्कूलों में ओबीसी वर्ग के नामांकित विद्यार्थियों में लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या अधिक है. प्राथमिक से लेकर प्लस टू तक में छात्राओं की संख्या छात्रों की तुलना में अधिक है. कक्षा एक से 12वीं में 47.16 फीसदी छात्र व 48.1 फीसदी लड़की नामांकित हैं.
कक्षा एक से पांच में 46.51 छात्र 47.12 छात्राएं, छह से आठ में 48 फीसदी छात्र 49.18 फीसदी छात्राएं, कक्षा नौ व दस में 48.69 फीसदी छात्र व 50.36 फीसदी छात्राएं, कक्षा 11वीं व 12वीं में 46.15 फीसदी छात्र व 46.76 फीसदी छात्राएं नामांकित हैं. राष्ट्रीय स्तर पर स्कूलों में नामांकित ओबीसी वर्ग के छात्र व छात्राओं की संख्या लगभग एक समान है. रिपोर्ट के अनुसार, स्कूलों में 44.67 फीसदी छात्र व 44. 78 फीसदी छात्राएं नामांकित हैं.
कक्षा नामांकन %
एक से पांच 46.8
छह से आठ 48.59
नौवीं व 10वीं 49.54
11वीं व 12वीं 46.15
राज्य प्रतिशत
पांडिचेरी 72.52
तमिलनाडु 67.46
कर्नाटक 62.91
राज्य प्रतिशत
बिहार 62.11
उत्तर प्रदेश 53.60
आंध्र प्रदेश 51.76
राज्य प्रतिशत
तेलंगाना 49.67
राजस्थान 48.88
झारखंड 47.62
राज्य के निजी व सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले लगभग आधे बच्चे ओबीसी कोटि के हैं. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा वर्ष 2020-21 की जारी रिपोर्ट में देशभर के राज्यों में पढ़नेवाले ओबीसी बच्चों की संख्या की जानकारी दी गयी है. केंद्र सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर स्कूलों में कक्षा एक से 12वीं तक में नामांकित कुल बच्चों की संख्या 44.72 फीसदी है. झारखंड में यह संख्या 47.62 फीसदी है. राष्ट्रीय स्तर की तुलना में झारखंड में पढ़नेवाले बच्चों में ओबीसी की संख्या अधिक हैं. राज्य में पूर्व की तुलना में ओबीसी बच्चों की संख्या में भी वृद्धि हुई है. वर्ष 2019-20 की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में कक्षा 12वीं तक में नामांकित ओबीसी बच्चों की संख्या 46.93 फीसदी थी.
विद्यालयों में नामांकित 16.84% अल्पसंख्यक वर्ग के हैं. अल्पसंख्यक वर्ग में भी छात्राओं की संख्या अधिक हैं. अल्पसंख्यक वर्ग के कुल नामांकित विद्यार्थियों में से 16.21% छात्र व 17.49 छात्राएं नामांकित हैं. राष्ट्रीय स्तर पर कक्षा एक से 12वीं तक में नामांकित अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों की संख्या 17.93% है.
Posted By: Sameer Oraon