16 साल के भारतीय ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञानानंद ने शुक्रवार को चेसेबल मास्टर्स ऑनलाइन रैपिड शतरंज टूर्नामेंट में विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को हरा दिया है. यह तीन महीने के बाद दूसरा मौका है जब भारतीय ग्रैंडमास्टर ने विश्व चैपिंयन कार्लसन को हराया है. भारतीय किशोर सनसनी ने कार्लसन की एक-एक चाल का सबसे अधिक फायदा उठाया और नॉकआउट चरण में आगे बढ़ने के अपने अवसरों को जीवित रखा.
इससे पहले इसी साल फरवरी में रमेशबाबु प्रज्ञानानंद ने मैग्नस कार्लसन को एयरथिंग्स मास्टर्स में हराया था. प्रज्ञानानंद की 40वीं चाल के बाद मैच सुस्त ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था. लेकिन एक आश्चर्यजनक मोड़ में, कार्लसन ने अपने घोड़े को गलत जगह रख दिया. प्रज्ञानानंद ने इस मौके को पूरी तरह भुनाया और कार्लसन को वापसी का मौका नहीं दिया.
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हालांकि इस जीत से प्रज्ञानानंद को खुशी नहीं हुई. मैच के बाद उन्होंने खुलासा किया कि वह कार्लसन की गलती की वजह से जीते हैं, वे और बेहतर खेलकर जीतना चाहते थे. उन्होंने कहा कि मैं अपने खेल की गुणवत्ता को लेकर इतना रोमांचित नहीं हूं. मुझे कुछ सामान, कुछ तरकीबें और कुछ रणनीति याद आ रही है इसलिए मुझे और तेज होने की जरूरत है.
प्रज्ञानानंद (12 अंक) ने तीन अंकों की जीत के साथ सातवें दौर में गवेन जोन्स (इंग्लैंड) को हराकर 11वें हमवतन पी. हरिकृष्णा के साथ छठा स्थान हासिल किया. विदित गुजराती (5) 14वें स्थान पर थे. इस साल की शुरुआत में फरवरी में एयरथिंग्स मास्टर्स में प्रज्ञानानंद ने नार्वे को हराया था. युवा भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंद ने ऑनलाइन रैपिड शतरंज टूर्नामेंट एयरथिंग्स मास्टर्स के आठवें दौर में दुनिया के नंबर एक मैग्नस कार्लसन को हराया.
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प्रज्ञानानंद ने सोमवार को तड़के टैराश वेरिएशन गेम में 39 चालों में काले मोहरों के साथ जीत हासिल की और कार्लसन की लगातार तीन जीत के रन को रोक दिया. आर प्रज्ञानानंद भारत के सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर हैं. दुनिया के महान शतरंज खिलाड़ी उनकी प्रतिभा से हैरान हैं.