मध्य प्रदेश में आरक्षण के मामले को लेकर शनिवार को बंद बुलाया गया है जिसको कांग्रेस ने समर्थन दिया है. ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग महासभा ने मध्य प्रदेश बंद का ऐलान किया है. आरक्षण के मामले पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा है कि मध्य प्रदेश में साल 94 से पिछले पांच चुनावों में पिछड़ा वर्गों को 27% आरक्षण मिलता रहा था. भाजपा की नियत न पिछड़ा वर्गों के प्रति साफ है और न ही अनुसूचित जनजाति के प्रति. उन्होंने कहा कि जानबूझकर नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है.
आगे कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि 48-49 प्रतिशत पिछड़ा वर्गों के पद ख़त्म हो चुके हैं. 27% आरक्षण को कम करके उसे आप ने 14% कर दिया है. ये इस बात की खुशी मना रहे हैं. मुख्यमंत्री अपना सम्मान करवाने में व्यस्त हैं. मुख्यमंत्री शिवराज आपको शर्म आनी चाहिए. आप ने पिछड़ा वर्ग के साथ धोखा किया है.
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केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण के साथ स्थानीय निकाय चुनाव कराने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा किया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाल में मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के साथ स्थानीय निकायों के लिए चुनाव कराने की अनुमति दी थी. सिंधिया ने पत्रकारों से कहा कि हमारे मुखिया यानी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी सरकार ने ओबीसी आरक्षण के साथ पंचायती राज और नगर निकायों के चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्धता जताई थी और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इसकी अनुमति दे दी है.
CM is celebrating but he should be ashamed of reducing it from 27% to 14%. Why isn't the Modi govt bringing amendment for reservation of backwards: Congress leader Digvijaya Singh pic.twitter.com/5Q5v1fdTN5
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) May 21, 2022
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के मामले में राहत प्रदान करने का निर्णय दिया है, उसका हम स्वागत करते हैं. लेकिन हमारी (पूर्ववर्ती) सरकार द्वारा 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किये गये ओबीसी आरक्षण का पूरा लाभ ओबीसी वर्ग को अभी भी नहीं मिलेगा क्योंकि निर्णय में यह उल्लेखित है कि आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए.