Prayagraj News: प्रयागराज के पुलिस लाइन में चल रही दरोगा भर्ती 2020-21 में फर्जीवाड़ा के आरोप में दो अभ्यर्थियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. पुलिस ने इस मामले में वाराणसी और गोरखपुर के परीक्षा केंद्र संचालकों को भी आरोपी बनाया है. पुलिस का कहना है कि परीक्षा केंद्र संचालकों को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा.
पुलिस के अनुसार, कोरोना के कारण दरोगा भर्ती 2020-21 की परीक्षा 2022 में आयोजित हो सकी, लेकिन परीक्षा के दौरान सॉल्वर गैंग ने परीक्षा केंद्र संचालकों से सांठगांठ करके कंप्यूटर हैक कर लिए. इसके बाद 160 में 125 प्रश्न जोकि हल किए हुए थे, अभ्यर्थियों को शेयर कर दिए गए. मामले के खुलासा तब हुआ जब अभ्यर्थियों को हल किए गए प्रश्नों के डेटा की जानकारी पुलिस को लग गई. जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी. आखिर में जिन अभ्यर्थियों पर पुलिस को शक था, उन्हें सिविल लाइन में सत्यापन के लिए बुलाया गया. सत्यापन के दौरान फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया.
इस संबंध में एसपी प्रोटोकॉल रवि शंकर निम ने बताया कि, लखनऊ भर्ती बोर्ड ने गाजीपुर के गुरैनी निवासी मनमोहन यादव और मऊ जिले के घोस निवासी राहुल के खिलाफ बीते मंगलवार को ऑनलाइन FIR दर्ज कराई थी. एफआईआर दर्ज होने के बाद उसे प्रयागराज ट्रांसफर कर दिया गया था.
उन्होंने बताया कि आरोपी मोहन यादव पुलिस में आरक्षक के पद पर तैनात हैं. उसने भी दरोगा भर्ती के लिए परीक्षा दी थी. शारीरिक दक्षता के लिए मंगलवार को दोनों आरोपी जब प्रयागराज पुलिस लाइन आए तो पुलिस ने एफआईआर के आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया और बुधवार को कर्नलगंज पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर सिपाही मोहन और राहुल को मजिस्ट्रेट के समक्ष कोर्ट में पेश करने के बाद नैनी जेल भेज दिया.
रिपोर्ट- एसके इलाहाबादी