रांची: राज्य सरकार ने विधानसभा भवन निर्माण एवं हाइकोर्ट भवन निर्माण में हुई अनियमितताओं की जांच न्यायिक कमीशन से कराने का आदेश दिया है. इस संबंध में मुख्यमंत्री सचिवालय ने आदेश जारी कर दिया है. गौरतलब है कि12 मई को झामुमो द्वारा प्रेस कांफ्रेंस कर रघुवर दास समेत भाजपा के कार्यकाल में हुए कार्यों की जांच कराने की बात कही गयी थी.
ठीक पांच दिनों के बाद राज्य सरकार ने रघुवर दास के कार्यकाल में हुए इन दोनों भवनों के निर्माण की जांच कराने का आदेश भी जारी कर दिया. इससे पहले एक जुलाई 2021 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नवनिर्मित झारखंड विधानसभा और झारखंड हाइकोर्ट के निर्माण कार्य में बरती गयी वित्तीय अनियमितता की जांच एसीबी से कराने का आदेश दिया था.
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झामुमो ने की थी रघुवर समेत भाजपा कार्यकाल की जांच की घोषणा
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टेंडर निपटारे के बाद 10 प्रतिशत कम पर रामकृपाल कंस्ट्रक्शन को विस भवन का काम मिला
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ठेकेदार के कहने पर वास्तु दोष के नाम पर साइट प्लान का ड्राइंग बदला और लागत मूल्य बढ़कर 465 करोड़ रुपये हो गया
आरोप है कि झारखंड विधानसभा के नये भवन के निर्माण में इंजीनियरों ने संवेदक रामकृपाल कंस्ट्रक्शन को लाभ पहुंचाया था. इंटीरियर वर्क के हिसाब-किताब में गड़बड़ी बता कर इंजीनियरों ने पहले 465 करोड़ के मूल प्राक्कलन को घटा कर 420.19 करोड़ कर दिया. फिर 12 दिन बाद ही बीओक्यू में निर्माण लागत 420.19 करोड़ से घटा कर 323.03 करोड़ कर दिया. टेंडर निपटारे के बाद 10% कम यानी 290.72 करोड़ की लागत पर कंपनी को काम दे दिया गया. फिर वास्तु दोष के नाम पर साइट प्लान का ड्राइंग बदला. इससे लागत 465 करोड़ हो गयी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड विधानसभा के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन 12 सितंबर 2019 को किया था. 39 एकड़ में फैले तीन मंजिला इमारत का निर्माण 465 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है.
झारखंड हाइकोर्ट के निर्माणाधीन भवन की गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं. निर्माण कार्य करने वाली कंपनी रामकृपाल कंस्ट्रक्शन पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे हैं. शुरुआत में भवन निर्माण के लिए 365 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी थी. बाद में 100 करोड़ घटा कर संवेदक को 265 करोड़ में टेंडर दे दिया गया. बाद में इसकी लागत बढ़कर 697 करोड़ रुपये हो गयी थी. इसके लिए सरकार से अनुमति भी नहीं ली गयी और न ही नया टेंडर किया गया. मामले में हाइकोर्ट के हस्तक्षेप पर काम रोक दिया गया. हालांकि, बाद में कोर्ट ने काम शुरू करने का आदेश दिया.
Posted By: Sameer Oraon