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World Hypertension Day 2022: हर छोटी-छोटी बात पर न लें तनाव, खराब जीवनशैली से बढ़ता है टेंशन

World Hypertension Day 2022: हाइपरटेंशन यानी बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर हमारी सेहत के लिए आज एक बड़े खतरे के रूप में उभर रहा है. स्वस्थ शरीर के लिए आपके ब्लड प्रेशर का समान्य होना बहुत जरूरी है. हर साल 17 मई का दिन हाइपरटेंशन डे के रूप में मनाया जाता है.

World Hypertension Day 2022: हर साल 17 मई का दिन हाइपरटेंशन डे के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को हाइपरटेंशन के बारे में जागरूक करना है. हाइपरटेंशन यानी बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर हमारी सेहत के लिए आज एक बड़े खतरे के रूप में उभर रहा है. स्वस्थ शरीर के लिए आपके ब्लड प्रेशर का समान्य होना बहुत जरूरी है. अगर आपका बीपी सामान्य से ज्यादा या कम रहता है, तो सचेत हो जाने की जरूरत है, क्योंकि हाइपरटेंशन, कार्डियोवैस्कुलर डिजीज की सबसे प्रमुख वजह है.

यह सच है कि उम्र बढ़ने के साथ इसका खतरा भी बढ़ता है, लेकिन आजकल अनियमित जीवनशैली, तनावपूर्ण वातावरण, खान-पान की गलत आदत आदि की वजह से युवाओं में भी इसका खतरा बढ़ गया है. खास बात है कि हाइपरटेंशन पीड़ित अधिकतर लोगों को जागरूकता की कमी से तब तक कुछ पता ही नहीं चलता, जब तक कि कोई समस्या न खड़ी हो जाये. यही वजह है कि इस वर्ष वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे की थीम- ‘अपना ब्लड प्रेशर सही से जांचें, उसे कंट्रोल करें और लंबा जिएं’, रखी गयी है.

दुनियाभर में एक बहुत बड़ी आबादी आज हाइपरटेंशन की समस्या से ग्रस्त है. खास बात है कि उसमें से दो तिहाई लोग विकासशील देशों में हैं. भारत की बात करें तो हर तीन में से एक व्यक्ति को हाइपरटेंशन की समस्या है. 85 प्रतिशत लोग ऐसे होते हैं, जिनमें हाइपरटेंशन के साथ कोई-न-कोई दूसरी बीमारियां भी जुड़ी होती हैं. हाइपरटेंशन का बहुत बड़ा कारण आनुवंशिक होता है, यानी अगर आपके माता-पिता को हाइपरटेंशन की शिकायत रही है, तो बच्चों में भी यह परेशानी हो सकती है. ऐसे में और भी जरूरी है कि आप अपनी जीवनशैली को संतुलित बना कर रखें.

खराब जीवनशैली व बढ़ता तनाव

आजकल हाइपरटेंशन के मामले में बढ़ोतरी में खराब जीवनशैली का रोल सबसे बड़ा होता है. रात में देर तक जागना, सुबह देर तक सोना, न सुबह की सैर, न कोई शारीरिक व्यायाम, सूरज की रोशनी से दूरी, मेहनत से पसीना न निकालना आदि ऐसे बहुत से कारणों से हमारी जीवनशैली पूरी तरह प्रभावित है. इसके साथ-साथ लोगों के जीवन में बढ़ता तनाव हाइपरटेंशन की जड़ है. तनाव की वजह से हमारी नींद खराब होती है, जिससे हाइपरटेंशन, डायबिटीज व अन्य दूसरी बीमारियां होती हैं.

साइलेंट किलर है हाइपरटेंशन

हाइ ब्लड प्रेशर यानी उच्च रक्तचाप एक ऐसी समस्या है, जो जानलेवा साबित होने के साथ कई गंभीर बीमारियों को बढ़ावा भी दे सकती है. इसी के चलते हाइपरटेंशन को साइलेंट किलर भी कहा जाता है. भारत में हाइ ब्लड प्रेशर न सिर्फ एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है, बल्कि मौत का चौथा सबसे बड़ा कारण भी है. जानें इस समस्या एवं इससे बचाव के तरीकों के बारे में.

भारत में करीब 20 करोड़ वयस्कों को है हाइ ब्लड प्रेशर

  • 213 करोड़ है दुनिया में हाइपरटेंशन से ग्रसित लोगों की संख्या

  • दुनिया का हर चौथा व्यक्ति हाइ ब्लड प्रेशर का मरीज.

  • 2013 से 2030 के बीच दुनिया में उच्च रक्तचाप के मामलों में 8 फीसदी के इजाफे का अनुमान है.

  • 20 करोड़ के करीब भारतीय वयस्कों को हाइ ब्लड प्रेशर की समस्या है.

  • 97 फीसदी का इजाफा हुआ है पिछले 30 वर्षों के दौरान हाइपरटेंशन के मामलों में.

  • 58 करोड़ लोग यह नहीं जानते कि वे उच्च रक्तचाप का शिकार हैं, जबकि 72 करोड़ लोग अभी भी इसके इलाज से वंचित हैं.

हाइ ब्लड प्रेशर है कई समस्याओं का जनक

  • हार्ट अटैक

  • हार्ट स्ट्रोक

  • क्रोनिक किडनी डिजीज

  • दृष्टि हानि

  • ग्रामीण इलाकों में भी बढ़ रहे मामले

  • 33% शहरी आबादी को है उच्च रक्तचाप की शिकायत.

  • 25% ग्रामीण इलाके में रहने वाले हैं, इस समस्या से ग्रसित.

  • 42% शहरी एवं 25% ग्रामीण आबादी इसके प्रति जागरूक है.

  • 38% शहरी भारतीय ही इस समस्या का इलाज करा रहे हैं, जबकि गांव में ये आंकड़ा 25% है.

कारक जो बढ़ा देते हैं जोखिम

  • बढ़ती उम्र

  • ज्यादा वजन व मोटापा

  • डायबिटीज

  • फैमिली हिस्ट्री

  • तनाव व चिंता

  • धूम्रपान

क्या करें

  • नियमित व्यायाम करें.

  • ताजे फल व सब्जियों का सेवन करें.

  • समय पर सोने व उठने की आदत डालें.

  • डिवाइसेज के गैर-जरूरी इस्तेमाल से बचें.

  • अपने वजन को नियंत्रित रखें.

क्या न करें

  • नमक का ज्यादा सेवन न करें.

  • तंबाकू व शराब न लें.

  • जैम, कैचअप जैसे प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन न करें .

  • अत्यधिक तेल व चिकनाई युक्त भोज्य पदार्थों का सेवन न करें.

  • इसके लक्षणों को न करें नजरअंदाज

  • सिर दर्द या चक्कर आना

  • थकान और सुस्ती लगना

  • दिल की धड़कन बढ़ जाना

  • सीने में दर्द

  • सांसें तेज चलना या सांस लेने में तकलीफ होना

  • आंखों से धुंधला दिखना

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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